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वे तरीके जानें जिनसे किशोरों के अभिभावक अपने बढ़ते बच्चों की बदलती ज़रूरतों को समझकर उनके जीवन में जुड़े रह सकते हैं।
वे तरीके जानें जिनसे किशोरों के अभिभावक अपने बढ़ते बच्चों की बदलती ज़रूरतों को समझकर उनके जीवन में जुड़े रह सकते हैं।
बच्चों के गलती करने पर अभिभावकों को उन्हें सुधरने के लिए प्रेरित करना चाहिए लेकिन कैसे करते हैं, यह अंतर पैदा करता है।
प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद तो की जा सकती है लेकिन इसका रास्ता आर्थिक संघर्षों से भरा होता है।
कभी-कभी लगता है कि बच्चे पर काबू पाने के लिए चिल्लाना ही एकमात्र विकल्प है। लेकिन इससे फायदा कम ही होता है। बच्चों को चिल्लाए बिना समझाने के 5 उपाय यहां हैं।
अगर आपका बच्चा स्कूल जाने की उम्र में प्रवेश कर रहा है या हिचकिचा रहा है तो खुद और अपने बच्चे को इसके लिए तैयार करने से मदद हो सकती है।
बच्चों को आपसी झगड़े हल करने के सबक देने से अभिभावकों को भी मदद मिली, खासकर मांओं ने अपने तनाव को भी प्रबंधित किया।
विधि आयोग की सिफारिश से हो सकता है कि तलाक के मामलों में पहली बार, बच्चे की कस्टडी को लेकर ज्वाइंट कस्टडी का विकल्प स्वीकार हो जाये।
शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों में निवेश से दुनिया भर में करीब 34 मिलियन बच्चों को बचाया जा सका है। एक नये शोध में सबसे कारगर प्रक्रिया का खुलासा हुआ है।
क्रैडल कैप, नवजात के सिर की त्वचा पर दिखने वाले पीले से भूरे रंग तक के चकत्तों या निशानों को कहा जाता है। शिशुओं में यह एक आम तौर से दिखने वाली स्थिति है।
कुछ थ्रिल और कुछ रोमांच से बच्चे ज़्यादा सक्रिय और आत्मविश्वासी बनते हैं।
ज़्यादा स्क्रीन टाइम के कारण एक बच्चे का भाषायी विकास अवरुद्ध होता है। बड़े बच्चों में हानिकारक आदतें पड़ सकती हैं। स्क्रीन टाइम सीमित करने के कुछ उपाय यहां हैं।
अगर ठीक से न की जाये तो तारीफ बच्चों के लिए महत्व नहीं रखती। अपने बच्चों को जीवन के लिए तैयार करने के लिए तारीफ करना सीखने के लिए क्लिक करें।
अगर आपका बच्चा पहले से घर के काम में हाथ नहीं बंटाता तो यहां शुरुआत करवाने के लिए कुछ सुझाव हैं। छोटे बच्चे भी छोटे कामों में हाथ बंटा सकते हैं।
आपका बच्चा जल्दी बोलना सीखे और उसका शब्द कोष विस्तृत हो, इसके लिए 7 शोध आधारित तरीके बताये जा रहे हैं।
अपने विशेष बच्चे के लिए वित्तीय योजनाएं समय से बनाने से आप अपने बच्चे के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
एक नये अध्ययन में पता चला है कि बच्चे में मोटापे का खतरा सिर्फ इस बात से दूर नहीं हो जाता कि वह क्या खा रहा है बल्कि यह भी कि वह कैसे खा रहा है।
एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि देर दोपहर या शाम को स्नैक के रूप में सोया फूड जैसे हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थों के सेवन से अनहेल्दी खाने में कमी आती है और मोटापे की समस्या से बचा जा सकता है।
बच्चे को दूसरी भाषा के संपर्क में लाने, भले ही वह दूसरी भाषा बोल न सके, से उसका कम्युनिकेशन प्रभावी होने में मदद मिलती है।
बात जब सीबीएसई (CBSE) नतीजों की हो तो, जो बच्चे 90 स्कोर करते हैं और जो 95, उनके बीच कोई अंतर नहीं है। यह अभिभावकों और छात्रों को समझना चाहिए।
बेडटाइम रूटीन और सोने से पहले कुछ खुशनुमा और शांत गतिविधियों द्वारा आप अपने बच्चे को सुखद और भरपूर नींद दे सकते हैं।
नये अध्ययन में पाया गया है कि लेस्बियन, गे और उभयलिंगी (एलजीबी) बच्चों को कक्षा पांच से ही निशाना बनाया जाता है, जबकि उनकी लैंगिक पहचान पूरी तरह स्थापित भी नहीं हो पाती।