सरकार


बीड़ी उत्पादन जैसे पारिवारिक व्यवसायों में बाल श्रम को मंज़ूरी देने की योजना सरकार बना रही है अगर इनसे बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो लेकिन आंदोलनकारी इसके खिलाफ हैं।

बाल श्रम प्रतिबंधों में ढील का सरकारी प्रस्ताव


सामान्य तौर से बेहतर स्वास्थ्य शैली के क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले दक्षिण भारत में डायबिटीज़ की शिकायतें बढ़ रही हैं।

दक्षिण भारत में बढ़ रही है डायबिटीज़


अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे सब्ज़ियां खाएं तो वह एक नया उपाय अपना सकते हैं। न्यूयॉर्क के एक स्कूल में संयोजित एक अध्ययन में संकेत मिला है कि अगर बच्चे खुद सब्ज़ियां उगाएं तो उनके द्वारा सब्ज़ियों के सेवन की संभावना बढ़ जाती है।

चाहते हैं बच्चे सब्ज़ियां खाएं? उन्हें उगाने दें!



नये अध्ययन के अनुसार भारतीय परिवारों, खासकर हिंदू परिवारों में बेटे को प्राथमिकता देने की सोच, कुपोषित बच्चों की सतत समस्या का बड़ा कारण है।

क्या भारतीय सोच कुपोषण का कारण है?


जो स्किल्ड जॉब अभी से 2022 तक सबसे ज़्यादा मांग में रहेंगे, उनके लिए नीति का संकेत देती एक रिपोर्ट सरकार ने जारी की।

भारत में रोजगार विकास के क्षेत्र


इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन (गर्भनिरोधक) पिल्स के ज़रिये अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। लेकिन दि हिंदू में छपे बिना शोध के लेख जैसे प्रकाशनों से गलत सूचनाएं प्रसारित हो रही हैं जो महिलाओं के लिए हानिकारक हैं।

गर्भनिरोधक पर दि The Hindu में छपा भ्रामक लेख



प्रतिरक्षण के ज़रिये भारत को पोलियो उन्मूलन में कामयाबी मिली है लेकिन 2 साल तक के सिर्फ 44 फीसदी बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिला है। सकरार इस परिदृश्य को बदलने की कोशिश कर रही है।

बच्चों के टीकाकरण पर भारत हुआ सजग


जुवेनाइल जस्टिस बिल में गंभीर अपराध में लिप्त 16 से 18 साल के बच्चों के साथ वयस्कों जैसा व्यवहार करने के प्रावधान हैं। संसद के एक समूह ने इसे ‘अतार्किक’ और ‘निरर्थक’ कहा है।

‘अतार्किक’ और ‘निरर्थक’ है जुवेनाइल जस्टिस बिल


बच्चों को अब घर पर ज़्यादा समय बिताने को मिलेगा जिसका उपयोग वे अतिरिक्त गतिविधियों के साथ मनोरंजन आदि के लिए कर सकते हैं लेकिन स्कूल के समय के कारण बच्चों और बड़ों को परेशानी हो सकती है।

महाराष्ट्र के स्कूलों में अब 5 दिन का सप्ताह



विवरणिका: भोजन में कैसे प्रवेश करता है सीसा?

नूडल्स जैसे पैकेज्ड फूड में सीसा कैसे प्रविष्ट हो जाता है? हो सकता है कि न चाहते हुए भी उत्पादन की प्रक्रिया में यह ज़हरीली धातु खाद्य पदार्थ में शामिल हो जाती हो।

विवरणिका: भोजन में कैसे प्रवेश करता है सीसा?


गर्भावस्था के भोजन पर इकलौता लेख, जो पढ़ना ज़रूरी है

गर्भ के दौरान भोजन की बाध्यताओं की बात हो तो, दुनिया भर में महिलाओं को सलाह दी जाती है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। यह बेहद सरल है।

गर्भावस्था के भोजन पर इकलौता लेख, जो पढ़ना ज़रूरी है


एमएसजी (MSG) के बारे में गलत धारणा कब बनी? 1968 में

हालांकि दशकों से बहस जारी है कि एमएसजी के नकारात्मक असर होते हैं या नहीं, लेकिन तबसे अब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि एमएसजी के सेवन से कोई समस्या होती है।

एमएसजी (MSG) के बारे में गलत धारणा कब बनी? 1968 ...



भरपूर प्रशिक्षण के बावजूद, प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंसेज़ एक्ट के निर्देशों का पुलिस पालन नहीं कर रही है।

बाल उत्पीड़न के पीड़ितों की मदद में पुलिस फेल


स्वास्थ्य के लिए सही विकल्प चुनने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि खाद्य पदार्थ खरीदें तो उस डिब्बे के लेबल पर पोषण के ब्यौरे को समझें।

पोषण लेबल जांचने की आदत डालें, स्वस्थ रहें


भारत में शिशु लिंग अनुपात और ज़्यादा असंतुलित हो रहा है, प्रति हज़ार लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या सबसे बदतर स्थिति में है।

कन्याओं की हत्याओं में हो रहा है इज़ाफ़ा




सेक्स शिक्षा का अर्थ केवल यह समझाना नहीं है कि यौन संबंध कैसे बनाये जाते हैं बल्कि इससे यौन शोषण, संक्रमण और अनचाहे गर्भ से सुरक्षा का रास्ता भी खुलता है।

शोषण, गर्भधारण, संक्रमण से रक्षा करती है सेक्स शिक्षा


कुपोषण से निपटने के लिए ज़िला स्तर पर डेटा की ज़रूरत है। राज्य स्तर पर बना डेटा यह नहीं दर्शाता कि राज्य में किस क्षेत्र पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

निराशाजनक है, भारत के पास नहीं है पोषण का ब्यौरा



भारत में खाद्य सुरक्षा न होने की समस्या का गंभीर उदाहरण है 2013 में हुई 22 स्कूली बच्चों की मौत जैसे अफसोसनाक मामले।

भारत में विकराल हो रही खाद्य सुरक्षा समस्या


सरकार द्वारा हर साल 650 मिलियन कॉंडोम जारी किये जाते हैं लेकिन बिना किसी चित्र की अनाकर्षक पैकिंग के कारण यह लोगों को लुभा नहीं पाता। पैकिंग के कारण कई उपभोक्ताओं को लगता है कि इसकी क्वालिटि ठीक नहीं है इसलिए वे दूसरे ब्रांड्स की तरफ आकर्षित होते हैं।

नये रूप में आने वाला है निरोध कॉंडोम


स्वास्थ्य और प्रदूषण के संबंध को जानने के लिए अनेक शोध हो रहे हैं जो प्रदूषण के प्रभाव के कारण ऑटिज़्म, सीज़ोफ्रेनिया जैसे रोग होना बता रहे हैं। पशुओं पर किये जा रहे अध्ययनों में भी यही नतीजे मिल रहे हैं कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क विकास को बाधित करता है।

प्रदूषण का सीधा असर अजन्मे शिशु के मस्तिष्क पर