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महिला का मूड और रिश्ते की स्थिति का असर महिला की संभोग इच्छा पर हार्मोन से ज़्यादा होता है, एक अध्ययन में कहा गया है। तो अब यह आप पर निर्भर करता है।
महिला का मूड और रिश्ते की स्थिति का असर महिला की संभोग इच्छा पर हार्मोन से ज़्यादा होता है, एक अध्ययन में कहा गया है। तो अब यह आप पर निर्भर करता है।
यूरोपीय बच्चे अपनी दरेस्ती में सर्वाधिक खुश हैं। अफ्रीकन बच्चे अपनी स्कूली ज़िंदगी से सर्वाधिक खुश हैं। दक्षिण कोरियाई बच्चे सोचते हैं कि ज़िंदगी जहन्नुम है। बच्चों की खुशहाली से जुड़े विस्तृत सर्वे में ये नतीजे सामने आये।
मामूली बदलावों से लेकर मेडिकल इलाज तक, गर्भ के दौरान हार्टबर्न में आराम देने में मददगार यहां कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं।
आपका प्री-टीन बच्चा आपसे हर बात में बहस करता है या रूड व्यवहार करता है तो समझ लें कि उसके मार्गदर्शन के लिए आपका काम शुरू हो रहा है।
एक नए अनुसंधान से यह ज्ञात हुआ है कि आत्मरक्षा एवं बलात्कार रोधक कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाएं अपनी रक्षा कर पाने में काफी हद तक समर्थ बन जाती हैं ।
ज्यादा चिकनाई और शर्करा से भरपूर पदार्थ का सेवन करने से आपके उस गट (उदर) बैक्टेरिया की प्रवृति में बदलाव आने लगता है जो आपकी सोचने समझने की शक्ति को स्पष्टरूप व तेजी से प्रभावित करता है ।
घर पर स्वयं आसानी से की जा सकने वाली विधियों में से अधिकांश में प्ले-डो तैयार करने के लिए टाटरी की क्रीम के प्रयोग का मशवरा दिया जाता है परन्तु यह तो कोई ऐसी सामग्री नहीं है जो हर किसी के घर में आसानी से उपलब्ध हो । यहां हम अत्यंत ही आसान – बिना किसी परेशानी –बिना किसी रसोइए की मदद – टाटरी के प्रयोग के बिना कुछ विधियां आपको बताने जा रहे हैं जिनका प्रयोग आप अपने बच्चों के साथ मिलकर कर सकते हैं ।
सर्दी, बुखार और सांस संबंधी कई संक्रमण विषाणुओं द्वारा व्यक्ति से व्यक्ति में फैलते हैं। बारिश के मौसम में लोगों को इनडोर और कई लोगों के साथ ज़्यादा रहना पड़ता है और इसी कारण से विषाणुजनित रोग ज़्यादा फैलते हैं।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटि के शोधकर्ताओं ने 13 से 18 साल कि किशोरों पर किये गये एक सर्वे में देखा कि 84 फीसदी किशोर इंटरनेट पर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का हल ढूंढते हैं। वे किशोरावस्था, ड्रग्स, सेक्स और तनाव को लेकर इंटरनेट पर सर्च करते हैं। जबकि 88 फीसदी का कहना था कि वे अपने स्वास्थ्य मामलों पर फेसबुक मित्रों के साथ या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बात करने में खुद को सहज नहीं पाते।
कुछ बच्चों की रंगीन पेंसिलों यानी क्रेयॉन्स और यूएस में बिकने वाली क्राइम लैब प्ले किट्स में एस्बेस्टस की कुछ मात्रा पायी गयी है। इसके बाद चिंता का महौल है क्योंकि एस्बेस्टस के कारण फेफड़ों का कैंसर और अन्य रोग हो सकते हैं। क्रेयॉन्स के कारण बच्चों के एस्बेस्टस के संपर्क में आने को लेकर यूएस के बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं जबकि भारत में बच्चे इससे भी बड़े पैमाने पर एस्बेस्टस के संपर्क में हैं।
गणित के प्रति व्याप्त भय के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें और यह भी जानें कि इससे आपके बच्चे की क्षमता किस प्रकार प्रभावित हो सकती है ।
यदि पालतु पशु का वजन अधिक हो तो उससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है । आप अपने पालतु पशुओं के वजन से संबंधित समस्याओं का समाधान यहां दिए पांच अनिवार्य उपायों से कर सकते हैं ।
एक नए अध्ययन के अनुसार भले ही आप कितने ही अधिक बच्चों को जन्म क्यों न देना चाहते हों परन्तु जब आपके पहले बच्चे का जन्म होता है तो आपकी रूचि कम हो जाती हैं । अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।
उचित विकास के लिए आपको थियामिन की आवश्यकता होती है । इससे आप अपने भोजन से ऊर्जा की प्राप्ति कर सकते हैं । थियामिन से होने वाले सभी प्रकार के फायदों की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें ।
रिबोफ्लाविन शरीर में रैड ब्लड सैल के निर्माण के लिए आवश्यक होता है । यहां हम आपके लिए रिबोफ्लाविन से होने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दे रहे हैं ।
विटामिन ई एक अत्यंत शक्तिशाली फैट-सोल्यूबल एन्टीऑक्सीडेंट पोषक तत्व है जिसकी भूमिका हमारे शरीर की संरचना में अंत्यत महत्वपूर्ण है । विटामिन ई के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।
इन परिणामों से यह पता चलता है कि डॉयटिंग एवं व्यायाम पर केन्द्रित आधुनिक वजन प्रबंधन कार्यक्रम लोगों का मोटापा कम करने के लिए सहायक नहीं हैं । विशेषकर जब जनसंख्या के स्तर पर मोटे लोगों के आंकडों पर नजर डालनी हो ।
एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि प्रत्येक 10 बच्चों में से 4 बच्चे दिल्ली के वायु प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी के बारे में
3 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों का आपतकालीन कक्ष में पहुंचने का सबसे मुख्य कारण घर में होने वाली दुर्घटनाएं हैं । बच्चों को लगने वाली चोटों के उपचार के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं ।
छोटी आयु में बच्चों के लिए अपनी भावनाओं से संबंधित समस्याओं का शांतिपूर्वक अथवा विवेकपूर्ण ढंग से निपटान कर पाना संभव नहीं हो पाता है । अपने बच्चों के बेहतर विकास एवं स्वच्छंद बाल्य अवस्था के लिए माता पिता को उनकी भावनाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए ।