टीनेजर ऑनलाइन क्या तलाश रहे हैं?


टीनेजर ऑनलाइन क्या तलाश रहे हैं?

किशोरावस्था में शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से नाटकीय विकास होता है इसलिए यह उम्र महत्वपूर्ण होती है। इसी कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी हो सकती है। इंटरनेट के बहुल उपयोग के समय में कई किशोर इंटरनेट पर अपने स्वास्थ्य संबंधी सवालों का हल भी ढूंढ रहे हैं।

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटि के शोधकर्ताओं ने 13 से 18 साल कि किशोरों पर किये गये एक सर्वे में देखा कि 84 फीसदी किशोर इंटरनेट पर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का हल ढूंढते हैं। वे किशोरावस्था, ड्रग्स, सेक्स और तनाव को लेकर इंटरनेट पर सर्च करते हैं। जबकि 88 फीसदी का कहना था कि वे अपने स्वास्थ्य मामलों पर फेसबुक मित्रों के साथ या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बात करने में खुद को सहज नहीं पाते।

इस डेटा से जन स्वास्थ्य संगठनों को किशोरों की समस्याएं सुलझाने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑनलाइन शोध के बाद टीन्स अक्सर सकारात्मक कदम उठाते हैं ताकि वे स्वस्थ रह सकें। शोध में शामिल एक तिहाई प्रतिभागियों ने कहा कि ऑनलाइन सूचनाओं के बाद उन्होंने व्यावहारिक बदलाव जैसे सोडा कम पीना, पोषक आहार खाना और व्यायाम करने जैसे कदम उठाए।

रिपोर्ट के प्रमुख लेखक और नॉर्थवेस्टर्न सेंटर ऑन मीडिया एंड ह्यमन डेवलपमेंट के निदेशक एलन वॉर्टेला ने कहा कि ‘‘हमें हैरानी हुई यह जानकर कि किशोर ऑनलाइन क्या खोजते हैं। हम अक्सर सुनते हैं कि टीन्स ऑनलाइन कुछ नकारात्मक गतिविधियां करते हैं लेकिन वे अपनी और अपने से जुड़े कुछ लोगों की सेहत को लेकर इंटरनेट की मदद लेते हैं।’’

वॉर्टेला ने आगे कहा कि ‘‘यह नया अध्ययन इस बात पर ज़ोर देता है कि ऑनलाइन सूचनाएं चूंकि आसानी से उपलब्ध हैं और किशोर इन्हें प्रयोग में ला रहे हैं इसलिए इनका सही, अनुकूल होना कितना ज़रूरी है।’’

आधे से ज़्यादा अमेरिकी किशोरों के लिए अब भी उनके अभिभावक, स्कूलों की हेल्थ क्लास और मेडिकल परामर्शदाता सूचनाओं के मुख्य स्रोत हैं। 4 में से 1 टीन के लिए इंटरनेट ज़्यादातर सूचनाओं का स्रोत है।

इसके उलट, भारत में अभिभावक, स्कूल और मेडिकल परामर्शदाता किशारों के स्वास्थ्य और सेक्स संबंधी जिज्ञासाओं के लिए अच्छे स्रोत नहीं हैं।

इंटरनेट सूचनाओं का एक स्रोत हो सकता है लेकिन इसके लिए ऑनलाइन साक्षरता और उपलब्धता की भी समस्या है। ऐसी कई साइट्स हैं जो किसी खास एजेंडे का प्रचार करती है या संदिग्ध उत्पादों के बारे में भ्रामक जानकारियां देती हैं।

रिपोर्ट के सह लेखक विकी राइडाउट का कहना है कि ‘‘टीन्स को स्वास्थ्य मामलों में परामर्श देने के लिए इंटरनेट स्पष्ट रूप से प्रभावी भूमिका में है। लेकिन हमें सुनिश्चित करना होगा कि ये किशोर डिजिटल साक्षरता रखते हैं ताकि वे इस माध्यम का सही लाभ ले सकें।’’

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