अपने बच्चे को सिखाएं आराम से सोना

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अभिभावक समझते हैं कि बच्चों में सोना एक विकसित व्यवहार है। बच्चों को सुलाने के लिए आराम महसूस कराने के बारे में पढ़ें।

अपने बच्चे को सिखाएं आराम से सोना











प्रतिरोधी तंत्र की मज़बूती के लिए 9 पोषक तत्व

हालांकि कुपोषण और कमज़ोर प्रतिरोधी तंत्र के बीच संबंध स्पष्ट नहीं है लेकिन शोध में देखा गया कि पिछड़े इलाकों में रहने वाले कुपोषित लोगों को संक्रमण ज़्यादा होते हैं।

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बेतरतीब भोजन को बढ़ावा देता है अल्कोहल: रिसर्च

कई लोग मानते रहे हैं कि अल्कोहल का सेवन ज़्यादा कैलरी सेवन का कारण तो है ही, डाइटर का अच्छा दोस्त भी नहीं है क्योंकि यह अतिरिक्त भोजन करने की आदत को बढ़ावा देता है।

बेतरतीब भोजन को बढ़ावा देता है अल्कोहल: रिसर्च







अध्ययन का निष्कर्ष है कि सही इलाज के द्वारा ऑटिज़्म पीड़ित बच्चे की अभिव्यक्ति और बातचीत की क्षमता में सुधार संभव है, साथ ही उसकी पूरी समझ का विकास भी।

अभिभावकों! क्वालिटि समय बिताना महत्वपूर्ण है!



जंक फूड विज्ञापनों से लड़ने के 7 तरीके

अभिभावक अपने बच्चों को जंक फूड के लुभावने विज्ञापनों की वास्तविकता समझा सकते हैं और उन्हें सही नज़रिये से देखना सिखा सकते हैं। इससे बच्चे अपने चयन को लेकर बेहतर समझ विकसित कर पाते हैं।

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बच्चों को कैसे निशाना बनाती हैं फूड कंपनियां

फूड कंपनियां बच्चों को खासकर जंक फूड के लिए विज्ञापनों के माध्यम से निशाना बनाती हैं। इनके कारण बच्चों में मोटापे की शिकायतें और लंबे समय के लिए स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं।

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टहलने और दौड़ने के अपने-अपने फायदे हैं लेकिन हर काम ठीक ढंग से करना ज़रूरी है। बहुत कठोर व्यायाम और बहुत हल्का व्यायाम, दोनों ही ठीक नहीं हैं। और जानने के लिए पढ़ें।

हेल्थ टिप्स: दौड़ने से बेहतर है सीमित टहलना



चेतावनी: गर्भनाल का सेवन न करें

शायद आपके लिए जानना ज़रूरी हो कि शिशु के जन्म के बाद गर्भनाल का सेवन करना महिलाओं के लिए लाभकारी नहीं है बल्कि इससे नुकसान हो सकता है।

चेतावनी: गर्भनाल का सेवन न करें


बेताबी, मिज़ाज संबंधी विकारों का उपचार प्रोबॉयोटिक्स से किया जाना संभव है ।

अनुसंधानों के अनुसार प्रॉयोबेटिक्‍स के प्रयोग से मिज़ाज तथा स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कुछ ऐसी ही समस्‍याओं से निजा़त पाना संभव माना गया है । न्‍यूयार्क टाइम्‍स में प्रकाशित एक लेख में यह विवरण दिया गया है कि किस प्रकार हमारी आंत्रियों के माइक्रोबैकटेरिया का प्रयोग करके हमारे मिज़ाज को प्रभावित कर पाना संभव हो सकता है ।

बेताबी, मिज़ाज संबंधी विकारों का उपचार प्रोबॉयोटिक्स से किया जाना ...