हेल्थ टिप्स: दौड़ने से बेहतर है सीमित टहलना


हेल्थ टिप्स: दौड़ने से बेहतर है सीमित टहलनाक्या कभी आपने गौर फरमाया है कि ओवरऑल सेहत के लिए क्या बेहतर है, दौड़ना या टहलना? हालांकि शोध संकेत करते हैं कि दौड़ने का असर वज़न कम करने जैसे मकसदों के लिए ज़्यादा होता है लेकिन यह भी कि ऐसी कठोर गतिविधियों से जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे चोट की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। जर्मनी के यूनिवर्सिटि अस्पताल के डॉ यूव शट्ज़ ने रायटर्स हेल्थ को बताया कि लम्बी दूरी के धावकों को कुछ प्रकार के संक्रमणों का खतरा भी ज़्यादा होता है।
जी हां, अगर आप एक धावक हैं तो चोट के कारण आपको कुछ दिनों का ब्रेक लेना ही होगा लेकिन टहलने वाले चोटग्रस्त नहीं होते और लगातार टहल सकते हैं। वॉक्स.कॉम के लेख के अनुसार, एक अध्ययन में पाया गया कि वे नौजवान जो टहलने के बजाय जॉगिंग या दौड़ का अभ्यास करते हैं वे 25 फीसदी अधिक चोटग्रस्त होने का जोखिम उठाते हैं। और, जितनी अधिक या अधिक दबाव से दौड़ते हैं उतने अधिक खतरे में होते हैं जैसे टिबिया स्ट्रैस सिंड्रोम, एशाइल्स टेंडन चोट और प्लांटर फैसिटिस।
देखा गया है कि अपने व्यायाम के दौरान 50 फीसदी से ज्यादा धावक किसी न किसी प्रकार की चोट से ग्रस्त होते हैं। लेकिन टहलने वाले सिर्फ 1 फीसदी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दौड़ने के दौरान आपका शरीर और जोड़ ज़मीन पर दुगने से ज़्यादा दबाव के साथ पड़ते हैं। तेज़ रफ्तार से दौड़ने पर फिसलने, लड़खड़ाने और गिरने का खतरा भी रहता है।
अगर जोखिम को थोड़ा नज़रअंदाज़ किया जाये तो, दौड़ने के कुछ फायदे भी हैं। नियमित रूप से दौड़ना या जॉगिंग करने से दिल के रोगों से मौत का खतरा कम होता है। शोध यह भी कहता है कि जॉगिंग करने वाले जॉगिंग न करने वालों की तुलना में ज़्यादा जीते हैं। एक और शोध के अनुसार वज़न कम करने का सबसे कारगर तरीका दौड़ना ही है। टहलने की तुलना में दौड़कर आप ढाई गुना अधिक कैलरी खर्च कर सकते हैं।
इस सबका मतलब यह नहीं है कि टहलना फायदेमंद नहीं है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कम तीव्रता के व्यायाम की मदद से आप रोगों से बचे रह सकते हैं और लंबा जीवन जी सकते हैं।
तो क्या अर्थ है? क्लिनिकल कार्डियोलॉजिस्ट पीटर श्नोहर के अनुसार, इस मामले में कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं है। उनका कहना है “सीमित दौड़ टहलने की अपेक्षा ज़्यादा जीने के मामले में बेहतर है।“ यहां गौर करने लायक है “सीमित या अति न होना”। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि नये शोध में चेतावनी दी जाती है कि बहुत कठोर व्यायाम दिल की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
तो, व्यायाम के मामले में गौरतलब यह है कि आप सीमित रहें। जो आप आराम से नहीं कर सकते, वे गतिविधियां न करें। इसी तरह, बहुत कम व्यायाम या कम तीव्रता के व्यायाम भी आपकी सेहत के लिए कारगर नहीं हो सकते।

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