Daily Archives: April 10, 2015




यह उत्पीड़न का प्रचलित माध्यम बन गया है क्योंकि सोशल मीडिया और अन्य तकनीकी उपकरणों जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि के ज़रिये कई बार सूचनाओं पर नियंत्रण और नज़र रख पाना संभव नहीं होता।

उत्पीड़न से कैसे निपटें



एक नये लेख में यह सवाल उठाया गया है कि क्या स्कूलों में धूप मिलने से बच्चों को मायोपिया जैसे रोगों से निजात मिल सकती है।

स्कूल में धूप क्या मायोपिया से बचाव है?



पॅट की देखभाल करने से बच्चों में ज़िम्मेदारी और समझ विकसित होती है। बच्चे सीखते हैं कि जीव की देखभाल करने के लिए योजनाएं बनायी जाती हैं, ध्यान रखा जाता है और कभी-कभी त्याग किये जाते हैं।

जी हां, बच्चों को दें एक पॅट का साथ



धन का प्रबंधन ज़िंदगी का अहम सबक है जो बचत करना, बजट बनाना आदि सिखाकर एक बेहतर जीवन जीना सिखाने में मदद करता है। आप बच्चों को बढ़ती उम्र से ही यह सिखाना शुरू कर सकते हैं।

बढ़ते बच्चों को सिखाइए पैसे से जुड़े सबक


अपने बच्चों को किताबों से जोड़ने के लिए आपका किताबों से जुड़ना महत्वपूर्ण है। रुचिकर, सूचनादायक और मज़ेदार किताबों का चयन करने से बच्चों का रुझान बढ़ता है। अभिभावकों का बच्चों के लिए किताबें ज़ोर से पढ़ना बहुत छोटी उम्र से पढ़ने की आदत डाल सकता है।

बच्चों को किताबों से जोड़ने के नुस्खे


13 प्रकार के फैक्टरों पर नज़र रखी गयी लेकिन अपवर्तन संबंधी एरर से ही मायोपिया का अनुमान बखूबी हुआ। इस सीधे परीक्षण में शोधकर्ताओं ने पाया कि शुरुआत में जिन बच्चों की नज़र सामान्य थी, 6 से 7 वर्ष की उम्र में उनमें दूरदृष्टि दोष के मामूली लक्षण दिखे।

6 की उम्र में नेत्र परीक्षण बताएगा, मायोपिया होगा कि ...



सरकार द्वारा हर साल 650 मिलियन कॉंडोम जारी किये जाते हैं लेकिन बिना किसी चित्र की अनाकर्षक पैकिंग के कारण यह लोगों को लुभा नहीं पाता। पैकिंग के कारण कई उपभोक्ताओं को लगता है कि इसकी क्वालिटि ठीक नहीं है इसलिए वे दूसरे ब्रांड्स की तरफ आकर्षित होते हैं।

नये रूप में आने वाला है निरोध कॉंडोम