बच्चों की परवरिश के बारे में फैसला करते वक्त अभिभावक को कई तरह की भावनाएं प्रभावित करती हैं। […] डरें नहीं, अपने बच्चे को अपनाएं1 January 2016 at 04:57 pm in परवरिश by फैमिलाइफ स्टाफ
जहां कुछ लोग अपने बच्चों के लिए बेहद सफाई का खयाल रखते हैं वहीं कुछ लोग इस पर […] कितने सफाईपसंद रहें हम?8 September 2015 at 06:19 am in स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ
यह उत्पीड़न का प्रचलित माध्यम बन गया है क्योंकि सोशल मीडिया और अन्य तकनीकी उपकरणों जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि के ज़रिये कई बार सूचनाओं पर नियंत्रण और नज़र रख पाना संभव नहीं होता। उत्पीड़न से कैसे निपटें8 September 2015 at 03:48 am in परवरिश / शिक्षा / स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ
एक नये लेख में यह सवाल उठाया गया है कि क्या स्कूलों में धूप मिलने से बच्चों को मायोपिया जैसे रोगों से निजात मिल सकती है। स्कूल में धूप क्या मायोपिया से बचाव है?8 September 2015 at 06:58 am in परवरिश / शिक्षा by फैमिलाइफ स्टाफ
रोज़मर्रा की कई ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें हम गंभीरता से नहीं लेते और जो हमारे बच्चों के जीवन में बहुत मदद करती हैं। खोजें, जिन्होंने बचाया बच्चों का जीवन7 September 2015 at 04:33 am in स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ
पॅट की देखभाल करने से बच्चों में ज़िम्मेदारी और समझ विकसित होती है। बच्चे सीखते हैं कि जीव की देखभाल करने के लिए योजनाएं बनायी जाती हैं, ध्यान रखा जाता है और कभी-कभी त्याग किये जाते हैं। जी हां, बच्चों को दें एक पॅट का साथ7 September 2015 at 05:15 am in परवरिश / स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ
धन का प्रबंधन ज़िंदगी का अहम सबक है जो बचत करना, बजट बनाना आदि सिखाकर एक बेहतर जीवन जीना सिखाने में मदद करता है। आप बच्चों को बढ़ती उम्र से ही यह सिखाना शुरू कर सकते हैं। बढ़ते बच्चों को सिखाइए पैसे से जुड़े सबक10 April 2015 at 01:09 pm in परवरिश by फैमिलाइफ स्टाफ
अपने बच्चों को किताबों से जोड़ने के लिए आपका किताबों से जुड़ना महत्वपूर्ण है। रुचिकर, सूचनादायक और मज़ेदार किताबों का चयन करने से बच्चों का रुझान बढ़ता है। अभिभावकों का बच्चों के लिए किताबें ज़ोर से पढ़ना बहुत छोटी उम्र से पढ़ने की आदत डाल सकता है। बच्चों को किताबों से जोड़ने के नुस्खे10 April 2015 at 12:23 am in परवरिश by फैमिलाइफ स्टाफ
13 प्रकार के फैक्टरों पर नज़र रखी गयी लेकिन अपवर्तन संबंधी एरर से ही मायोपिया का अनुमान बखूबी हुआ। इस सीधे परीक्षण में शोधकर्ताओं ने पाया कि शुरुआत में जिन बच्चों की नज़र सामान्य थी, 6 से 7 वर्ष की उम्र में उनमें दूरदृष्टि दोष के मामूली लक्षण दिखे। 6 की उम्र में नेत्र परीक्षण बताएगा, मायोपिया होगा कि ...10 April 2015 at 12:20 am in स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ
सरकार द्वारा हर साल 650 मिलियन कॉंडोम जारी किये जाते हैं लेकिन बिना किसी चित्र की अनाकर्षक पैकिंग के कारण यह लोगों को लुभा नहीं पाता। पैकिंग के कारण कई उपभोक्ताओं को लगता है कि इसकी क्वालिटि ठीक नहीं है इसलिए वे दूसरे ब्रांड्स की तरफ आकर्षित होते हैं। नये रूप में आने वाला है निरोध कॉंडोम10 April 2015 at 12:13 am in सरकार / स्वास्थ्य by फैमिलाइफ स्टाफ