
छोटी आयु में बच्चों के लिए अपनी भावनाओं से संबंधित समस्याओं का शांतिपूर्वक अथवा विवेकपूर्ण ढंग से निपटान कर पाना संभव नहीं हो पाता है । अपने बच्चों के बेहतर विकास एवं स्वच्छंद बाल्य अवस्था के लिए माता पिता को उनकी भावनाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए ।
छोटी आयु में बच्चों के लिए अपनी भावनाओं से संबंधित समस्याओं का शांतिपूर्वक अथवा विवेकपूर्ण ढंग से निपटान कर पाना संभव नहीं हो पाता है । अपने बच्चों के बेहतर विकास एवं स्वच्छंद बाल्य अवस्था के लिए माता पिता को उनकी भावनाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए ।
अपने बच्चे के पागल करने वाले अवज्ञाकारी व्यवहार के ऐसे क्षणों में प्रभावी ढंग से निपटने के लिए यहां कुछ उपाए दिए गए हैं ।
4 साल की उम्र के बच्चे भी दूसरों को कुछ देने में खुशी महसूस करते हैं। कम संपन्न बच्चे ज़्यादा संपन्न बच्चों की तुलना में ज़्यादा दान करने की भावना रखते हैं।
सभी बच्चे चेहरे के हाव-भाव समझने की काबिलियत लेकर जन्म नहीं लेते लेकिन उन्हें यह गुण सिखाया जा सकता है।
मज़ाक के ज़रिये आपके बच्चे जीवन के महत्वपूर्ण सबक सीख सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग अकेले रहते या अकेला महसूस करते हैं, उनकी तुलना में वे लोग जो सामाजिक व्यवहार ज़्यादा करते हैं, उनके लंबे जीने की संभावना ज़्यादा होती है।
अगर आपका बच्चा स्कूल जाने की उम्र में प्रवेश कर रहा है या हिचकिचा रहा है तो खुद और अपने बच्चे को इसके लिए तैयार करने से मदद हो सकती है।
कुछ थ्रिल और कुछ रोमांच से बच्चे ज़्यादा सक्रिय और आत्मविश्वासी बनते हैं।
अगर ठीक से न की जाये तो तारीफ बच्चों के लिए महत्व नहीं रखती। अपने बच्चों को जीवन के लिए तैयार करने के लिए तारीफ करना सीखने के लिए क्लिक करें।
अगर आपका बच्चा पहले से घर के काम में हाथ नहीं बंटाता तो यहां शुरुआत करवाने के लिए कुछ सुझाव हैं। छोटे बच्चे भी छोटे कामों में हाथ बंटा सकते हैं।
एक प्रायोगिक शैक्षिक कार्यक्रम को सकारात्मक असर देखने का मिला जिससे टीनेज और नौजवानों का महिलाओं के प्रति नज़रिया बदला। हो सकता है इससे बलात्कार की रोकथाम भी संभव हो सके।
बोलने में बीट परसेप्शन की भूमिका के बारे में हुए अध्ययन से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिल सकती है कि लोग क्यों हकलाते हैं।
अगर आप एक हेल्दी जीवन शैली अपनाना चाह रहे हैं तो, बजाय सब कुछ बदलने के, एक समय में कुछ ही व्यावहारिक और सरल बदलाव करें।
पूरे भोजन के बाद और खा लेना, शकर, कार्ब और वसा की अधिकता वाले भोजन की लालसा बने रहना, ऐसे भोजन के प्रति अपराध बोध या शर्म का भाव आना भोजन की लत होने के लक्षण हैं जो वास्तव में व्यवहार संबंधी डिसॉर्डर है।
अगर आप किसी काम को तय समय सीमा से पहले पूर्ण करना चाहते हैं, तो एक सरल उपाय अपनाकर उसे जल्दी कर सकते हैं और अंतिम समय की चिंता से बच सकते हैं।
एक नये अध्ययन में पता चला है कि बच्चे में मोटापे का खतरा सिर्फ इस बात से दूर नहीं हो जाता कि वह क्या खा रहा है बल्कि यह भी कि वह कैसे खा रहा है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब लोग सकारात्मकता दर्शाते हैं तो दूसरे उनके साथ दोस्ती करना चाहते हैं।
एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि देर दोपहर या शाम को स्नैक के रूप में सोया फूड जैसे हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थों के सेवन से अनहेल्दी खाने में कमी आती है और मोटापे की समस्या से बचा जा सकता है।
जब कोई अपनी उपलब्धियों को लेकर अपनी प्रशंसा स्वयं करता है तो आपको कैसा लगता है? अच्छी छवि बनानके के लिए इससे बेहतर उपाय हैं।
बच्चे को दूसरी भाषा के संपर्क में लाने, भले ही वह दूसरी भाषा बोल न सके, से उसका कम्युनिकेशन प्रभावी होने में मदद मिलती है।
फरवरी 2015 में ऐसा लगा कि दुनिया ड्रेस के रंग को लेकर लड़ने मरने पर आमादा हो गई! वह नीले और काले रंग की थी या किसी और रंग की? विज्ञान के पास जवाब है!