विबिरो कौलेरा नामक जीवाणु के कारण कॉलेरा रोग होता है। यह जीवाणु केवल मनुष्यों को प्रभावित करता है। यह आंत को संक्रमित करता है और किस खास किस्म के जीवाणु ने हमला किया है, लक्षणों की सामान्यता या गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है। कॉलेरा का सेवन कर लेने पर अक्सर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता है। गंदगी वाले स्रोतों से आने वाले संदूषित पानी और भोजन के कारण जीवाणु फैल सकता है और कॉलेरा रोग हो सकता है। लक्षण एवं पहचान कॉलेरा की मालूमात के लिए मरीज़ को मल परीक्षण या स्टूल टेस्ट करवाना होता है। यहां कुछ लक्षण बताये जा रहे हैं:
- पतले दस्त
- उल्टी
- मांसपेशियों में खिंचाव
- बुझी आंखें और सूखी त्वचा
- डिहाइड्रेशन के कारण त्वचा का हल्का नीला पड़ना
- तेज़ धड़कन
- लो ब्लड प्रेशर
- प्यास
- बेचैनी
कॉलेरा से गंभीर रूप से पीड़ित होने वाले कुछ मरीज़ों को लगातार उल्टी और पैरों में खिंचाव जैसे लक्षण दिखते हैं। जब लक्षण गंभीर हों तब व्यक्ति को डिहाइड्रेशन का खतरा होता है क्योंकि उसके शरीर के द्रव नष्ट हो जाते हैं। इस स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श व इलाज महत्वपूर्ण है क्योंकि शरीर के अंगों द्वारा काम बंद करने के कारण मरीज़ शॉक में जा सकता है और यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
इलाज
दस्त और उल्टी के चलते, कॉलेरा के गंभीर मामलों में व्यक्ति में डिहाइउ्रेशन की समस्या होती है इसलिए इसके इलाज में शरीर को द्रव देने पर फोकस किया जाता है। कॉलेरा के मरीज़ों को मेडिकल दुकानों पर आसानी से उपलब्ध शक्कर एवं नमक युक्त पानी से बने द्रवों का सेवन करना चाहिए। अगर कॉलेरा का कारण असुरक्षित पानी रहा है तो पानी को ठीक से उबालकर पिएं या फिर किसी विश्वसनीय बोतलबंद पानी का सेवन करें। बेहद गंभीर मामलों में, मरीज़ को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है और उसे इंट्रावीनस द्रव देना पड़ सकता है।
बचाव
कॉलेरा से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यही है कि गैर सेहतमंद स्थानों का पानी या भोजन ग्रहण करने से बचें। अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में हैं जहां यह रोग फैला हुआ है या बाढ़ आदि जैसी स्थिति है तो सभी ज़रूरी सावधानियां बरतें। यहां कुछ सावधानियां बतायी जा रही हैं:
- बोतलबंद या उबला हुआ पानी और इन्हीं से तैयार पेय पिएं। जहां आपको विश्वास नहीं है कि स्वच्छ पानी का इस्तेामल हुआ है, वहां बर्फ का सेवन न रकें।
- साबुन और पानी से नियमित हाथ धोने की आदत डालें विशेषतः भोजन से पहले। अगर साफ पानी की उपलब्धता पर शक हो तो सेनेटाइज़र साथ रखें। फलों व सब्ज़ियों को साफ पानी से धोएं। कच्चे फल व सब्ज़ियां खाने से बचें। वह भोजन करें जो ठीक से पका हो और गर्म हो। ठंडा खासकर दुकानों पर मिलने वाला ठंडा भोजन न करें।
अगर समय पर इलाज हो तो कॉलेरा से पीड़ित व्यक्ति जल्दी ठीक हो सकता है। ठीक से इलाज के बाद कॉलेरा लंबे समय के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता। हालांकि इस रोग के लिए लंबे समय तक का कोई प्रतिरोध नहीं है और संभव है कि यह आपको दोबारा हो सकता है।