अमेरिका में बढ़ रहा है योग व्यापार, भारत में भी


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जैसे पीज़ा इटली में ईजाद हुआ भोजन है लेकिन दुनिया भर में अमेरिकी रेस्तरां चेन पीज़ा का विक्रय कर रही हैं। उसी तरह, योग भारत की ईजाद है लेकिन अब यह यूएस में बिलियन डॉलर व्यापार बन गया है और 100 साल पहले स्वामी विवेकानंद द्वारा पहली बार बताये गये आध्यात्मिक अभ्यास से कुछ ही हद तक यह मेल खाता है।

यूएस की चैपमैन यूनिवर्सिटि के शोधकर्ताओं ने यूएस में पिछले कुछ दशकों में योग के पनपने का निरीक्षण किया। अब यह अध्यात्म से ज़्यादा फिटनेस और इलाज से जुड़ चुका है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका कारण यह है कि एक तो योग गुरु इसी तरह प्रशिक्षित हो रहे हैं और यूएस के योग बाज़ार में बड़े और छोटे प्रतिस्पर्धियों के बीच ब्रांडिंग को लेकर होड़ है।

जर्नल ऑफ मार्केटिंग में प्रकाशित इस अध्ययन में आर्काइवल डेटा जैसे 1980 से 2012 के बीच न्यूयॉर्क टाइम्स और दि वॉशिंग्टन पोस्ट में योग पर प्रकाशित आलेख आदि का अध्ययन किया गया है। डेटा में प्रतिभागियों के अवलोकनों और साक्षात्कारों को भी शामिल किया गया है।

रिसर्च पेपर के सहलेखक और असिस्टेंट प्रोफेसर गोकेन कॉस्कनर-बैली ने कहा कि ‘‘हमने पाया कि यूएस के योग बाज़ार में जो गिरावट आई है उसका कारण कई किस्मों का योग उभरना तो है ही, यह तर्क भी है कि लोग योग क्यों करें।’’

1893 में विश्व धर्म सभा में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गये भाषण में यूएस में पहली बार योग का परिचय दिया गया था। इसके बहुत समय बाद तक यूएस में योग का प्रचार नहीं हुआ। इसे लेकर कोई चमत्कार जैसी मान्यता बनी हुई थी लेकिन 1960 के दशक में लोगों ने इस बारे में ठीक से जाना। 70 के दशक में योग स्थापित हुआ और लोगों ने इसे मन-शरीर की चिकित्सा का माध्यम समझाा खास तौर से युवाओं को ड्रग समस्या से बचाने का।

हालांकि योग पहले आध्यात्मिक भावना से जुड़ा थालेकिन फिर लोगों ने इसे चिकित्सा से जोड़ा और दर्द व चोटों से निजात पाने का माध्यम बनाया। फिर फिटनेस से जोउ़कर इसे विभिन्न खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए लाभकारी बताया। योग के लाभ से जुड़े स्वास्थ्य अध्ययनों का प्रचार होने पर 90 के दशक में योग के फिटनेस पहलू ने ज़ोर पकड़ा। योग प्रचलित हो गया और मुख्यधारा में आ गया जब नाइकी, एपल और एचबीओ जैसी कंपनियों ने ऑन-साइट योग कक्षाएं शुरू कर दीं।

2001 में 4.3 मिलयिन यानी 43 लाख अमेरिकी योग का अभ्यास कर रहे थे जबकि अब 20.4 मिलियन अमेरिकी योग करते हैं। योग केंद्रों की संख्या भी बढ़ी है। यह संख्या 2004 में 14058 थी जो 2013 में 26506 पाई गई। योग कक्षाओं और उपकरणों पर लोग 10.3 बिलियन डॉलर हर साल खर्च कर रहे हैं जो चार साल में 1.8 गुना बढ़ गया है। योग प्रशिक्षण की चेन कोरपावर ने यूएस में 119 स्टूडियो खोल रखे हैं और वह 500 स्टूडियो के लक्ष्य की विस्तार योजना बना रही है।

भारत में भी इस व्यापार का चलन बढ़ रहा है। स्थानीय योग केंद्र खुल रहे हैं औश्र ऐसे ही एक योग केंद्र चेन के संस्थापक ने दि हिंदू को बताया कि यहां ओवरऑल बाज़ार की संभावना बहुत है जो करीब 225 बिलियन डॉलर का हो सकता है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी लागे शारीरिक गतिविधियों के लिए आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनमें से कई इसके आध्यात्मिक पक्ष का लाभ भी चाहते हैं।

जैसे पीज़ा, कॉफी और ई-कॉमर्स के मामले में है, वैसे ही आप हैरान न हों अगर जल्दी आपको इस बाज़ार में कोई अमेरिकी योग चेन भी सुनाई या दिखाई दे।

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