विटामिन बी12 के बारे में यह जानना चाहिए


What you need to know about Vitamin B12

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विटामिन बी12 बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन है और उन कई विटामिनों में से एक है जो हमारे शरीर के लिए मस्तिष्क, नाड़ियों, रक्त कोशों और अन्य अंगों के विकास के लिए ज़रूरी है। शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को सुचारू ढंग से संचालित होने में भी यह मददगार है।
विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स का एक घटक है विटामिन बी12। अन्य घटकों में थियामिन, नियासिन, विटामिन बी6, फॉलेट और विटामिन बी12 हैं। एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के प्रवक्ता हीदर मैंगिएरी का कहना है “इनमें से हर विटामिन का अपना एक महत्वपूर्ण रोल है लेकिन अधिकांश बी विटामिन शरीर की कोशिकाओं को उर्जा पैदा करने में मददगार हैं।“
यह क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
नाड़ियों और रक्त कोशिकाओं की सामान्य प्रक्रियाओं के लिए विटामिन बी12 का पोषण संबंधी महत्व है। शरीर की हर कोशिका में पाये जाने वाले आनुवांशिक गुणों के कारक डीएनए के बनने की प्रक्रिया में भी यह मदद करता है। इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा लेकर आप एक खास किस्म के एनिमिया मेगालोब्लास्टिक एनिमिया से बच सकते हैं। स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए भी यह सहायक है और इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक से बचाव हो सकता है यानी यह दिल के रोगों में भी लाभदायक है।
विटामिन बी12 डेफिशिएन्सी
अगर आप विटामिन बी12 पर्याप्त मात्रा में नहीं लेते तो आपको नाड़ियों संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे सुन्नता, हाथ-पैर में झुनझुनी आदि। इसके सामान्य लक्षण हैं थकान, भूख कम होना, अपवच, वज़न घटना, कमज़ोरी और मेगालोब्लास्टिक एनिमिया। बी12 डेफिशिएन्सी के कारण तनाव, कन्फ्यूज़न, याददाश्त संबंधी समस्याएं और संतुलन संबंधी परेशानी हो सकती है।
किस भोजन में होता है विटामिन बी12?
पशुओं से अच्छी मात्रा में विटामिन बी12 प्राप्त हो सकता है। बीफ लिवर और क्लैम में विटामिन बी12 पर्याप्त होता है। इनके अलावा मछली, मीट और अंडे और दूध व डेयरी उत्पादों में यह विटामिन होता है। फलों, सब्ज़ियों और अनाज में कम मात्रा में यह पोषक पाया जाता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि वयस्कों के लिए रोज़मर्रा में विटामिन बी12 की मात्रा 2.4-2.8 माइक्रोग्राम ही होती है जो 2-3 कप दूध उत्पादों या 2 अंडों से पूरी हो जाती है। जो अंडे या मांस नहीं खाते हैं उन्हें इस पोषक तत्व से युक्त आहार का सेवन करना चाहिए जैसे सेरल और पोषक यीस्ट आदि। यह भी सुझाव दिया जाता है कि लेबल जांच लें कि आप जो उत्पाद ले रहे हैं उसमें विटामिन बी12 है या नहीं।
यह शरीर में कैसे घुलता है?
विटामिन बी12 दो चरण की प्रक्रिया में शरीर में अवशोषित होता है। जब हम भोजन करते हैं जिसमें यह विटामिन हो, तो हमारे उदर में भेजन के प्रोटीन में हाइड्रॉक्लोरिक एसिड टूटता है जो विटामिन बी12 से बंधा होता है। फिर मुक्त विटामिन बी12 हमारे उदर द्वारा उत्पादित अन्य प्रोटीन से जुड़ता है जिसे मूलभूत घटक कहते हैं। जब विटामिन मूलभूत घटक से जुड़ता है, हमारा शरीर इसे अवशोषित कर लेता है। गंभीर एनिमिया से ग्रस्त लोगों को मूलभूत घटक उत्पादन में समस्या होती है इसलिए उनके शरीर में विटामिन बी12 का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता।
क्या इलाज से इसका संबंध है?
अगर आप किसी खास इलाज से गुज़र रहे हैं तो हो सकता है कि विटामिन बी12 का असर उस पर पड़े। इन इलाजों के दौरान आपके विटामिन बी12 स्तर प्रभावित हो सकता है।
क्लोरमफेनिकॉल – संक्रमण के लिए प्रयुक्त होने वाली एक एंटिबायोटिक हिस्टामाइन एच2- रिसेप्टर एंटागॉनिस्ट- पेप्टिक अल्सर के इलाज के लिए प्रयुक्त होने वाले सिमेटिडाइन, रैंटिडाइन और फैमोटिडाइन। मेटफॉर्मिन – डायबिटीज़ रोगियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवा
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