पीज़ा भी हो सकता है हेल्दी फूड


Pizza can be healthy too!

Photo: Shutterstock

जब बात होती है पीज़ा ऑर्डर करने या खाने की तो यह भीड़ की पसंद लगता है और बच्चों की पसंदीदा डिश भी। जो लोग चुनिंदा भोजन करते हैं उनके लिए भी कभी-कभी यह लुभावना हाता है। यात्रा करने वालों के लिए यह भी सुखदायक है कि पीज़ा दुनिया में अधिकांश जगहों पर मिलता है। लेकिन बुरी खबर यह है कि अब तक पीज़ा को जंक फूड की श्रेणी में रखा जाता है, है ना? ज़रूरी नहीं है, टॉपिंग्स को सही और पौष्टिक चुनाव कर आप पीज़ा को हेल्दी फूड भी बना सकते हैं।

पीज़ा तीन तत्वों की अधिकता होने से नुकसानदायक माना जाता है – कैलरी, फैट और सोडियम। कैलरी और फैट को स्वाभाविक मानते हुए सोडियम को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। जबकि इसके केवल दो स्लाइस से आप सुझाये जाने वाले सोडियम से कहीं ज़्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन कर लेते हैं।

दूसरी ओर, नॉर्वे के लोग किसी भी देश की तुलना में प्रति व्यक्ति पीज़ा बहुत ज़्यादा खाते हैं फिर भी वहां मोटापे की दर दुनिया में सबसे कम की श्रेणी में है। तो पीज़ा इतनी बुरी चीज़ तो नहीं होगी। तो सारा मामला पौष्टिकता का चुनाव करने को लेकर है। आप भी सही चुनाव कर सकते हैं, यहां कुछ सरल सुझाव दिये जा रहे हैं।

सबसे पहले सही टॉपिंग्स का चुनाव करें। प्रोटीन और सब्ज़ियों पर ज़ोर दें और फैटयुक्त मीट और चीज़ को छोड़ें। कम सैचुरेटेड फैट वाले मीट का चुनाव आपके शरीर के लिए थोड़ा ठीक होगा। चिकन ब्रेस्ट का चुनाव कर सकते हैं लेकिन बेकन, सॉसेज और दूसरे रेड मीट को नज़रअंदाज़ करें। पैपरॉनी में फैट, कैलरी और सोडियम की मात्रा सबसे ज़्यादा होती है।

इसके बाद, पतली परत चुनाव करें। कार्बोहाइड्रेट की बहुत ज़्यादा मात्रा भी आपके और आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ऐसा करने से आप हर स्लाइस में भारी परत के स्थान पर पौष्टिक टॉपिंग ज़्यादा खा रहे होंगे।

खराब के साथ अच्छे का संतुलन बनाएं। अगर आपका बच्चा ज़िद कर रहा है कि वह चीज़ पीज़ा और पैपरॉनी ज़रूर खाएगा तो शर्त रखें कि इसके साथ उसे वेजी पीज़ा की स्लाइस या थोड़ा सलाद आदि भी खाना पड़ेगा। यह आपके लिए भी लागू होता है।

सभी भोजनों के साथ जो बात लागू होती है, वह है कि संभलकर खाएं। पीज़ा को रोज़ाना की डाइट नहीं बल्कि कभी-कभार विशेष मौकों का भोजन बनाएं। ऑर्डर करते वक्त छोटे आकार का पीज़ा ऑर्डर करें। इसके अलावा, बच्चों को धीरे-धीरे खाने की आदत डालें ताकि वे महसूस कर सकें कि कब उनका पेट भर चुका है। उन्हें ठीक से चबाने के लिए बार-बार याद दिलाएं।

यदि आप इस लेख में दी गई सूचना की सराहना करते हैं तो कृप्या फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक और शेयर करें, क्योंकि इससे औरों को भी सूचित करने में मदद मिलेगी ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *