पुरुषों की सेहत के प्रचार में मददगार हैं तेज़ कारें


टेसला मॉडल एस, एक ऐसी कार जो डॉक्टरों ने चलाई। फोटो: ड्राइव फॉर मैन्स हेल्थ/यूट्यूब.कॉम

टेसला मॉडल एस, एक ऐसी कार जो डॉक्टरों ने चलाई। फोटो: ड्राइव फॉर मैन्स हेल्थ/यूट्यूब.कॉम

पुरुष जन्मदिन और एनिवर्सरी की तारीखें भूलने और कारों के मामले में उतावले रहने के लिए कुख्यात हैं। 18 साल से ज़्यादा उम्र के पुरुषों को लेकर यूएस में ुए एक सर्वे के मुताबिक, आधे से ज़्यादा पुरुषों को यह भी याद नहीं रहता कि उन्होंने आखिरी बार स्वास्थ्य पारीक्षण कब करवाया था।दिलचस्प यह है कि ऐसे में पुरुषों में से 80 फीसदी यह ज़रूर याद रख लेते हैं कि उनकी पहली कार का मॉडल और ब्रांड क्या था।

कुछ लोग कह सकते हैं कि पहली कार एक खास याद होती है क्योंकि ज़्यादातर के पास बहुत सी कारें नहीं होतीं, या कह सकते हैं कि स्वास्थ्य परीक्षण तारीख याद रखना महिलाओं के लिए भी मुश्किल है या फिर यह कि पुरुषों से यह पूछना चाहिए कि क्या उन्हें पहली कार खरीदने की तारीख याद है।

ये बातें तो खत्म नहीं होंगी। लेकिन पुरुषों के स्वास्थ्य मामलों में दो प्रतिष्ठित विशेषज्ञ सर्जनों ने यूएसए में टेसला इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार द्वारा 6000 मील की यात्रा की ताकि पुरुषों से जुड़े कई विषयों पर जागरूकता ला सकें।

डॉक्टर जैमिन ब्रह्मभट्ट और सीजो पैरेकट्टिल पुरुषों के स्वास्थ्य संधी मामलों पर जागरूकता लाते हुए। फोटो: ड्राइव फॉर मैन्स हेल्थ/यूट्यूब.कॉम

डॉक्टर जैमिन ब्रह्मभट्ट और सीजो पैरेकट्टिल पुरुषों के स्वास्थ्य संधी मामलों पर जागरूकता लाते हुए। फोटो: ड्राइव फॉर मैन्स हेल्थ/यूट्यूब.कॉम

दो डॉक्टर, जैमिन ब्रह्मभट्ट और सीजो पैरेकट्टिल यह कर चुके हैं। 2014 में उन्होंने फ्लोरिडा से न्यूयॉर्क तक कार चलाई और रास्ते में पुरुषों के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता के कार्यक्रम किये और यह भी दर्शाया कि वे यहां रुककर बैटरी रिचार्ज कर रहे हैं। हां, उन्होंने सभी तरह की इलेक्ट्रिक टेसला कारों के मामले में सबसे कम समय का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कोशिश भी की।

पैरेकट्टिल ने कहा ‘‘पुरुषों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को यह संदेश देने के लिए देश भर में हमने यह कार ट्रिप की थी।’’

ब्रह्मभट्ट ने कहा कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अक्सर रोग ज़्यादा होते हैं। विकसित देशों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की म1त्यु जल्दी होती है। भारत में, वर्तमान में जीवन का औसत पुरुषों के लिए 2 साल कम है।

ब्रह्मभट्ट ने कहा ‘‘आपका शरीर एक कार की ही तरह है।’’ ब्रह्मभट्ट किसी ऑटोमेटिव रिपेयर स्कूल से डॉक्टरी पढ़ने वाले डॉक्टर नहीं हैं लेकिन कहते हैं ‘‘आपको सिफारिश के अनुसार अपने परीक्षण करवाने चाहिए, साल में एक बार, पांच साल में एक बार या दस साल में, जैसी भी सिफारिश हो। आपके शरीर और एक कार में अंतर बस यही है कि आपके लिए सिर्फ एक ही बॉडी है।’’ कुल मिलाकर बात यह है कि डॉक्टर एक अच्छे विचार का प्रचार कर रहे हैं और जिस मज़ेदार और अनूठे ढंग से कर रहे हैं, उसके लिए तारीफ के काबिल हैं।

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