दुनिया भर में लोग कैलरी कॉंशियस हो चुके हैं। लेकिन जब हम डाइट के मामले में ‘क्या नहीं खाना चाहिए’ पर फोकस करते हैं तो भूल जाते हैं फोकस इस बात पर भी करना है कि ‘क्या खाना चाहिए’, खासकर डाइट फाइबर।
अगर आप हाई-प्रोटीन डाइट लेने की सोच रहे होते हैं तो उस स्थिति में, मीट, मछली और डेरी उत्पादों पर फोकस के चलते फाइबर उपेक्षित हो जाते हैं।
बच्चों और वयस्कों के लिए डाइटरी फाइबर के कई लाभ हैं लेकिन डाइट की प्राथमिकताओं में अक्सर ये उपेक्षित हो जाते हैं। यहां कुछ फायदे बताये जा रहे हैं।
फाइबर ज़्यादा खाने से रक्तचाप और सिरम कॉलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है। अधिक विलेय फाइबर के सेवन से ग्लाइसेमिया और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है। मोटापे के शिकार लोगों के लिए, फाइबर सप्लीमेंट वज़न कम करने में मदद करते हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य बनाये रखने में भी ये सहायक हैं। साथ ही फाइबर के सेवन से आंत व गुर्दे संबंधी कई रोगों से बचाव संभव है। इंडियन एक्सप्रेस लिंक के अनुसार, प्रतिदिन 40 ग्रा/2000 किलो कैलरी डाइटरी फाबर लेने का सुझाव दिया गया है।
फाइबर दो प्रकार के होते हैं: विलेय और अविलेय। विभिन्न कार्यों के लिए दोनों ही शरीर के लिए ज़रूरी हैं। विलेय फाइबर पानी में घुल जाते हैं और कॉलेस्ट्रॉल घटाने में, रक्त शर्करा नियंत्रित करने में और कब्ज़ को हल करने में मदद करते हैं। इसके सेवन को आप जई, सब्ज़ियां और केले व सेब जैसे फल खाकर बढ़ा सकते हैं। अविलेय फाइबर पानी में नहीं घुलते और इन्हें रफेज कहते हैं और ये पेट व मलत्याग संबंधी स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होते हैं।
डाइट में ज़्यादा फाइबर शामिल करने की टिप्स:
अगर आप नाश्ते में अनाज खाते हैं तो हाई-फाइबर की विविधता चुनें और हर सर्विंग में 6 ग्राम से अधिक लें। केले, स्ट्रॉबेरी और किशमिश से फाइबर बढ़ाया जा सकता है।
फलों, नट्स और बीजों के स्नैक बनाएं, बिस्किट या चिप्स के नहीं। सफेद ब्रेड और पास्ता की जगह होल-व्हीट विकल्प चुनें और सफेद चावल के स्थान पर भूरे चावल।
करी, ऑमलेट, स्टू और सूप में सब्ज़ियां ज़्यादा मिलाएं। भोजन में साइड डिश के रूप में उबली सब्ज़ियां शामिल करें। अपने भोजन में जई या गेहूं के छिलकों का पाउडर मिलाएं। पैकेज्ड फूड चुनते समय, ध्यान रखें कि प्रति सर्विंग 4 ग्राम फाइबर से अधिक मात्रा हो तो यह हाई फाइबर पदार्थ होता है।
अपने शरीर को अनुकूल स्थिति में रखने के लिए धीरे-धीरे फाइबर के सेवन की मात्रा बढ़ाएं।
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