हर रात सिर्फ 3 से 4 घंटे सोकर हो सकता है कि शाहरुख खान स्वस्थ हों लेकिन ज़्यादातर लोगों को ज़्यादा सोने की ज़रूरत है। कई अध्ययनों में पता चल चुका है कि सोने के स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं। ज़्यादातर वयस्कों को सात से आठ घंटे से कम सोने के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। टीनेजरों को दो घंटे और ज़्यादा सोना चाहिए और उनसे छोटे बच्चों को थोड़ा और ज़्यादा। हर रात पूरी नींद लेने के कुछ कारण यहां बताये जा रहे हैं।
वज़न: पूरी नींद लेने वालों की तुलना में जो लोग नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेते, शोधों में देखा गया है कि वे ओवरवेट होते हैं। माना जाता है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कम सोने से कुछ हार्मोन संबंधी बदलाव होते हैं जो भूख बढ़ा देते हैं।
रोग: आपको डायबिटीज़ होने की आशंका भी बढ़ जाती है क्योंकि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की आपकी क्षमता घटती जाती है। नींद की कमी के कारण आपका प्रतिरोधी तंत्र कमज़ोर होता है इसलिए आप सर्दी के वायरस की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। आपको दिल की बीमारियां होने और कुछ विशिष्ट प्रकार के कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। शोधों के अनुसार, जो लोग रात की शिफ्ट में काम करते हैं, उन्हें कॉलन और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका ज़्यादा होती है।
त्वचा: अगर आप सदाबहार दिखना चाहते हैं तो रात की नींद एक कारगर उपाय हो सकती है। एक अध्ययन में पता चला है कि जो लोग अच्छी नींद पर्याप्त लेते हैं वे अल्ट्रावायलेट प्रकाश के प्रकाश के कुप्रभावों से बेहतर ढंग से रिकवर कर पाते हैं।
मांसपेशियां: पूरी दुनिया में वज़न के प्रशिक्षण का तब तक कोई परिणाम नहीं हो सकता जब तक आप मांसपेशियों को पूरा आराम का समय न दें। सोने का समय वह समय है जब आपका शरीर कोशिकाओं और उतकों को स्वस्थ कर मांसपेशियां बनाता है। इसके अलावा, पर्याप्त नींद न लेने के कारण माना जाता है कि मसल एंट्रॉफी यानी मांसपेशी के उतकों का बरबाद होना, होता है।
मूड: इसमें माथापच्ची की कोई बात नहीं क्योंकि हम जानते हैं कि अधूरी या कम नींद के कारण अगले दिन हम उखड़ा या चिड़चिड़ा स्वभाव दर्शाते हैं। चाहे आप दफ्तर में काम कर रहे हों या घर में, नींद के अभाव में आपके काम की गति और क्वालिटि ठीक नहीं हो सकती और आपके आनंद और उत्पादकता पर असर पड़ता ही है।
सेक्स: पर्याप्त नींद न लेने के कारण आपको यौन समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। नींद से टेस्टसटेरॉन (एक हार्मोन जो कामेच्छा तीव्र करने में सहायक होता है) के स्तर में भी वृद्धि होती है।
सिरदर्द: अगर आप सिरदर्द या माइग्रेन के शिकार हैं तो हो सकता है कि इसका कारण आपके सोने के गलत पैटर्न हों। हालांकि कारण स्पष्ट नहीं हैं लेकिन अध्ययनों में खराब क्वालिटि की नींद का संबंध माइग्रेन के खतरे जोड़ा गया है।