बच्चों को सक्रिय, आत्मविश्वासी कैसे बनाएं


How to raise active, self-confident kids

Photo: ImagesBazaar

अपने बच्चों की सेहत और सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित रहते हैं लेकिन ज़्यादा सुरक्षात्मक रवैया अपनाना या बच्चों को घर में ही कैद रखना उनके हित में नहीं है। शोध में पता चला है कि रिस्की प्ले कही जाने वाली कुछ मुश्किल गतिविधियों से बच्चे को मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रूप से लाभ होता है। कुछ थ्रिल और कुछ रोमांच से बच्चे ज़्यादा सक्रिय और आत्मविश्वासी बनते हैं।

पुाने शोध के एक ताज़ा रिव्यू में पाया गया है कि पेड़ पर चढ़ने या आउटडोर खेल जैसे फाइटिंग आदि गतिविध्यिों से बच्चे ज़्यादा सेहतमंद होते हैं। इस विश्लेषण में ऐसी गतिविधियों से किसी किस्म की चोट पहुंचने या मनोवैज्ञानिक रूप से कोई नुकसान होने का जोखिम नहीं पाया गया।

वैंकूवर स्थित यूनिवर्सिटि ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में डेवलपमेंटल मनोविज्ञानी और इस अध्ययन की सह लेखिका मैरियाना ब्रूसोनी का कहना है कि ‘‘रिस्की प्ले में लीन बच्चों की शारीरिक गतिविधि बढ़ती है और उनके आलसी व्यवहार में कमी आती है जिससे सामाजिक सेहत और व्यवहार बेहतर होता है।’’ शोधकर्ताओं के मुताबिक, रिस्की प्ले में, उंचाई पर खेलना, ऐसे उपकरणों से खेलना जिनसे चोट का खतरा हो, हाई स्पीड खेल, आग या पानी जैसे खतरों में खेलना आदि शामिल हैं जिनसे कुछ चोट पहुंचने की आशंका हो।

ब्रूसोनी का कहना है कि ‘‘जब आप बच्चों से इस बारे में बात करते हैं तो अक्सर उन्हें यह डरावना लगता है और एक अजीब सी फीलिंग होती है कि जिस पर आपका नियंत्रण नहीं है आप बच्चे को उस स्थिति में जाने को कह रहे हैं लेकिन यह रोमांचक है।’’

इस रिव्यू अध्ययन में, ब्रूसोनी और उनकी टीम ने रिस्की प्ले के फायदे और नुकसान से जुड़े 21 श्रेष्ठ अध्ययनों को देखा। इन अध्ययनों में उन्हें कोई नकारात्मक नतीजा नहीं मिला जबकि फायदे कई दिखे। नतीजे संकेत करते थे कि जिन बच्चों को रिस्की प्ले की आदत डाली गई वे ज़्यादा सक्रिय, ज़्यादा आत्मविश्वासी और मानसिक रूप से बेहतर थे। एन्वायरनमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अंतरराष्ट्रीय जर्नल के जून 2015 संस्करण में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।

इस रिव्यू में शामिल किये गये कई अध्ययन बच्चों के एक समय के विकास को मद्देनज़र रखते थे इसलिए संभव है कि रिस्की प्ले के अलावा भी कोई और कारण हो उनकी सेहत का। लेकिन कुछ अध्ययनों में बच्चों को विभिन्न तरह के खेल दिये गये और एक साल तक उनकी गतिविधि पर नज़र रखी गई। ऐसे ही एक अध्ययन में, जिन बच्चों को एक अनियत स्थान पर बेतरतीब चीज़ों जैसे पुराने टायरों या क्रेट आदि से खेलने को कहा गया तो वे बच्चे आने वाले समय में उन बच्चों की तुलना में अधिक सक्रिय देखे गये जिन्हें परंपरागत तरीके से खेलने को कहा गया था।

रिस्की प्ले से बच्चों को कैसे लाभ होता है, इस बारे में ब्रूसोनी का विचार है ‘‘आप समझ सकते हैं कि जब आप अपने शरीर का इस्तेमाल करते हैं – आप समझते हैं कि आपकी क्षमताएं क्या हैं और दुनिया कैसे व्यवहार करती है – यह किसी और के निर्देश से ज़्यादा आपको समझाता है। उदाहरण के लिए अगर आप पेड़ से गिरते हैं तो चोट लगती है और तब आप समझ पाते हैं कि आप अपने शरीर को कहां तक इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

और जो बच्चे अतिसुरक्षात्मक वातावरण में रहते हैं, वे सोच सकते हैं कि ‘‘दुनिया खतरों से भरी हुई है। चूंकि आप मुझ पर, मेरी क्षमताओं पर या इस पर विश्वास नहीं रखते है कि मैं अपनी सुरक्षा खुद कर सकता हूं तो मुझे आपकी ज़रूरत हमेशा रहेगी।’’

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