रात का सोने के नियमों के नियमों के पालन से बच्चों को अच्छी नींद आती है। एक ताज़ा अध्ययन में पता चला है कि सोने के पहले के कुछ नियमों से छह साल या उससे कम उम्र के बच्चों को बहुत लाभ होता है। इससे वे रात में बेहतर नींद ले सकते हैं जो रुकावटरहित, गहरी और लंबी होती है।
सेंट जोसेफ यूनिवर्सिटि में मनोविज्ञान की प्रोफेसर और फिलाडैल्फिया के चिल्ड्रन्स अस्पताल के स्लीप सेंटर की सह संचालक और इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका जोडी मिंडेल का कहना है कि “हर परिवार के लिए बच्चे का सोने का समय तय करना मुश्किल बात नहीं है। इससे बच्चे के सोने को लेकर आसानी तो होती ही है साथ में वह पूरी रात बेहतर नींद ले सकता है।”
अध्ययन में 14 देशों की 10,085 मांओं को सम्मिलित किया गया। पाया गया कि 50 फीसदी से कम के बच्चे एक तय समय पर सोते हैं जो हर रात का रूटीन है। ऐसे रूटीन वाले बच्चों की नींद हर तरह से बेहतर पाई गई, उन बच्चों की तुलना में जिनका कोई बेडटाइम रूटीन नहीं था। बेहतर नींद का जल्दी सोने, बिस्तर पर जाकर जल्द नींद आने, रात में नींद कम उचटने और नींद का समय बढ़ने आदि लक्षणों के द्वारा समझा गया।
जिन्होंने नियमित बेडटाइम का पालन नहीं किया, उन बच्चों की तुलना में बेडटाइम का पालन करने वाले बच्चों की नींद हर रात औसतन एक घंटा ज़्यादा पाई गई। मांओं क्षरा दी गई जानकारी के अनुसार, जो बच्चे रूटीन का पालन करते रहे उनमें नींद से जुड़ी और दिन में व्यवहार से जुड़ी समस्याएं कम पाई गईं।
तो रात अच्छी गुज़रे इसके लिए सोने का नियमित समय महत्वपूर्ण है। खास तौर से बच्चों के लिए। सोने से पहले रात के समय में कुछ खुशनुमा और शांत गतिविधियों से आपके बच्चे को सुखद नींद मिल सकती है और यह एक अच्छा तरीका है कि आप बच्चे के साथ क्वालिटि समयभी बिता सकते हैं। हर रात के कुछ आसान से नियम बनाएं जैसे कुनकुने पानी से हल्का सा स्नान, दांत साफ करना और सोने के तय समय से पहले साथ में कुछ पढ़ना।
मिंडेल ने कहा कि “हर रात ये तरीके और नियम अपनाना, आपके बच्चे की बेहतर नींद के लिए लाभदायक होता है। यह हेल्दी रहने का ही एक उपाय है, ऐसा कुछ हफ्ते में एक दिन करना ठीक है, हफ्ते में तीन दिन करना बेहतर है और हफ्ते भर करना सर्वोत्तम है।”
मिंडेल ने कहा कि “हैरानी की बात यह है कि इसका प्रभाव वैश्विक है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने बच्चे के साथ यूएस में रहते हैं या भारत में या चीन में। बेडटाइम रूटीन अपनाना बेहतर है।”
इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के अध्ययन में मांओं से उनके बच्चों के दिन और रात में सोने के पैटर्न, बेडटाइम रूटीन और व्यवहार के बारे में एक ऑनलाइन प्रश्नावली के द्वारा डेटा जुटाया गया।
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