गर्मियों में, आपको अपने और अपने परिवार को गर्मियों से जुड़ी बीमारियों से बचाने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए। लेकिन अपने पॅट को न भूलें। हो सकता है कि आप सोचते हों कि जानवर ज़्यादा मज़बूत होते हैं लेकिन तापमान बढ़े तो उन्हें भी अतिरिक्त देखभाल की ज़रूरत होती है। गर्मियों में पॅट्स की देखभाल के लिए कुछ उपाय यहां दिये जा रहे हैं:
कुत्तों के लिए
अगर आपके पास एक कुत्ता है जो खेलता-कूदता है, तो बहुत गर्मी होने पर वह भी थक सकता है इसलिए उसकी थकान या परेशानी से जुड़े कुछ संकेतों पर नज़र रखें।
कार के मामले में जो बातें आपके बच्चों पर लागू होती हैं, वही आपके कुत्ते पर भी। उसे बंद कार में केला न छोड़ें, कुछ देर के लिए भी नहीं और खिड़कियों के शीशे खोलकर भी नहीं। बहुत गर्मी में ऐसा करने से आप उसके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आपके कुत्ते को दिन भर सज्ञफ पानी पीने को मिले। भले ही गर्मी बहुत ज्त्रयादा हो लेकिन आपके कुत्ते को रोज़ाना व्यायाम करना ज़रूरी है इसलिए गर्मियों में सही समय चुनें और उसे वॉक या व्यायाम के लिए ले जाएं। लंबी वॉक या खेलकूद के बाद कुत्ते को आप आइस क्यूब दे सकते हैं जिससे वह खेल सकता है और ठंडक भी महसूस कर सकता है। अगर आपका कुत्ता मोटे फरों वाला है, तो ज़्यादा खयाल रखें कि वह गर्मियों में साथ्फ-सुथरा और ठंडक में रहे।
पशुओं क देखभाल से जुड़ी गौरी केसकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ‘‘कुत्तों को रैशेज़, हॉटस्पॉट्स आदि होते हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उसके 50 फीयदी बाल काटे दें। इससे उसे ज़्यादा ठंडक औश्र आराम मिलता है। इसके अलावा यह भी ज़रूरी है कि उसे आप एंटि-टिक और फ्ली बाथ दें।’’ अपने कुत्ते की परेशानी के संकेतों को समझें। बहुत ज़्यादा हांफना, सुस्ती, सफोकेशन या उसके शरीर का तापमान 105 से 106 डिग्री फैरेनहाइट से अधिक होना हीटस्ट्रोक के इशारे हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत देखभाल करें और उसे ठंडे पानी के टब में डालें या उस पर ठंडे पानी को छिड़काव करें। अपने पशु चिकित्सक को बुलाएं या ज़रूरी हो तो पॅट को क्लिनिक ले जाकर डिहाइड्रेशन का इलाज करवाएं।
बिल्लियों के लिए
हीट स्ट्रोक के प्रति बिल्लियां अधिक संवेदनशील होती हैं और अगर उनके शरीर का तापमान अधिक बढ़ता है तो गंभीर रोग यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है। अगर आप बपनी बिल्ली को आराम के समय भी बेचैन देखें तो शायद वह गर्मी से परेशान है। उसके हांफने, पैरों के पसीने और अधिक लार टपकाने जैसे लक्षणों पर नज़र रखें। हीट एक्ज़ॉस्शन के गंभीर लक्षणों में तेज़-तेज़ सांस लेना, उल्टी, बेहद सुस्ती आदि शामिल हैं। उसकी जीभी या मुंह लाल भी दिख सकता है। डॉ. दीप्ति वलवलकर का कहना है कि ‘‘बेहतर है कि आप बिल्लियों को सीधे धूप में न ले जाएं। लेकिन अगर वह हीट स्ट्रोक की शिकार है तो उसे कूलर या एसी वाले कमरे में रखें। उसे एक गीले कपड़े से ढांकें। पशु चिकित्सक के पास ले जाएं औश्र इलाज करवाएं और लगातार उस पर नज़र रखें।’’
पक्षियों के लिए
पक्षी बहुत नाज़ुक होते हैं और ज्त्रयादा तापमान से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं इसलिए उन्हें घर के अंदर ही रखें अगर बाहर बहुत गर्मी हो। तापमान बढ़ने पर उन पर पानी छिड़कें। और ध्यान रखें कि उनका पिंजरा साफ-सुथरा रहे ताकि वे बीमार न हों।
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