बच्चों को चुनने दें किताबें, रीडिंग स्किल सुधरेगी


Photo: Gamutstockimagespvtltd | Dreamstime.com

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अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में पढ़ें तो उन्हें अपनी किताबें खुद चुनने दें। आप अपनी पसंद या की या शिक्षकों की चुनी किताबें न दें। अच्छा, तो आप यह जानते हैं, चलिए आप सही हैं, इसका सबूत एक शोध है।

न्यूयॉर्क की रॉशेस्टर यूनिवर्सिटि में पदस्थ इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका एरिन केली के अनुसार पढ़ना जीवन की एक महत्वपूर्ण योग्यता है जिसके कई फायदे हैं, स्वास्थ्य संबंधी भी। उन्होंने और उनके साथियों ने इस बारे में जानने में दिलचस्पी ली कि गर्मियों की लंबी छुट्टियों के बाद बच्चों की पढ़ने संबंधी रुचि घट क्यों जाती है। उन्होंने कहा कि “बच्चे अच्छा प्रदर्शन नहीं करते, यह स्कूल से ज़्यादा हम सबकी समस्या है।”

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रयोग में दूसरी कक्षा के एक समूह को छुट्टियों से पहले 13 किताबें चुनने को कहा गया। जबकि दूसरे समूह के बच्चों को कुछ किताबें दी गईं जो उन्होंने नहीं चुनी थीं। छुट्टियों के बाद जब वे स्कूल लौटे, तो पहले समूह के बच्चों के रीडिंग स्कोर बेहतर थे। दूसरे समूह के बच्चों के स्कोर में कोई फर्क नहीं था।

यह प्रायोगिक कार्यक्रम अगले साल भी जारी रखा गया इौर इस बार किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 2 तक के बच्चों के बड़े समूह पर प्रयोग हुआ। इस बार उन्हें 15 किताबें चुनने को कहा गया। तुलना के लिए दूसरे समूह के बच्चों को भी इस बार किताबें चुनने को कहा गया लेकिन उतनी नहीं क्योंकि वे दूसरे बच्चों के स्कोर देखकर प्रभावित हो चुके थे। फिर शोधकर्ताओं ने देखा क दोनों ही समूहों के बच्चों के रीडिंग स्कोर में सुधार हुआ। छुट्टियों के बाद भी 75 फीसी बच्चे या तो अपने रीडिंग स्कोर को बरकरार रखे हुए थे या बेहतर हुए थे। यह शोध खासतौर से कम आय वर्ग के छात्रों के लिए सार्थक दिखता है निके रीडिंग स्कोर में छुट्टियों के बाद अक्सर कमी देखी जाती है।

शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले कोलंबिया यूनिवर्सिटि के एक टीचर्स कॉलेज, की शिक्षा विशेषज्ञ शेरिडन ब्लॉ का कहना है कि कुछ स्कूल बच्चों को चुनने की प्रणामी अपना चुके हैं। ब्लॉ इस शोध से नहीं जुड़ी थीं।

उन्होंने कहा कि “फ्री च्वाइस से बेशक सुधार आया है।” इसका मतलब यह नहीं है कि शिक्षकों को कक्षा को पढ़ने संबंधी असाइनमेंट नहीं देने चाहिए क्योंकि छात्रों को चुनौतीपूर्ण पर्ढ़ा कराने के अपने फायदे हैं।

तो यह एक आसान औश्र उपयोगी उपाय है कि बच्चे अपनी मर्ज़ी से अपनी पसंद की किताबें चुनें जिनमें वे अपनी उम्र के हिसाब से रुचि रखते हैं, इससे उनकी पढ़ने की योग्यता बढ़ती है और छुट्टियों का फायदा भी होता है।

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