चलिए, बच्चों की ज़िद के बाद आप घर में एक पालतू सदस्य ले आये हैं और अब सब खुश हैं। लेकिन अगर आपके घर में किसी सदस्य का प्रतिरक्षा स्तर औसत से कम है तो कुछ बातों को जानें और उनका ध्यान रखें ताकि आप पूट के कारण होने वाले रोगों से बच सकें। जिनके पास लंबे समय से पूट है वे भी ध्यान रखें क्योंकि आपके स्वास्थ्य में कोई भी बदलाव आने पर संक्रमण की खतरा बढ़ सकता है।
पॅट के तौर पर घर में रखे जाने वाले कई प्राणी जैसे कुत्ते, बिल्लियां, रेपटाइल्स और उभयचर आदि साल्मोनेला नामक मल्टी उ्रग प्रतिरोधी बैक्टीरिया और हुकवॉर्म, राउंडवॉर्म और टोक्सोप्लाज़्मा जैसे परजीवी संचारित कर सकते हैं। संक्रमण इन प्राणियों के काटने, खरोंचने चेहरे के स्पर्श और सलाइवा के ज़रिये फैल सकता है।
ओहिओ स्टेट यूनिवर्सिटि में पशु चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. जेसन स्टल के मुताबिक, “सर्वेक्षणों में पता चला है कि जिन्हें पॅट संबंधी बीमारियां होती हैं वे पॅट के ज़रिये होने वाली बीमारियों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक नहीं होते।”
जिनका प्रतिरक्षा तंत्र सामान्य या मज़बूत है, उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है लेकिन जो लोग पहले ही किसी बीमारी जैसे एचआईवी, कैंसर या ल्यूकेमिया आदि से पीड़ित हैं, उन्हें बेहद सतर्क रहना चाहिए। इनके अलावा बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों को भी संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
जिन्हें संक्रमण का खतरा ज़्यादा है, उन्हें पॅट के स्पर्श से बचना चाहिए ताकि जीवाणुओं से सुरक्षा हो सके। अगर आप इस श्रेणी में हैं तो बचाव के कुछ तरीके यहां हैं:
- पॅट से खेलने या उसे छूने के बाद हाथ ज़रूर धोएं।
- पॅट के पिंजरे या उसके बिस्तर आदि की सफाई से बचें।
- अपने पॅट के स्थान और अपने घर की नियमित सफाई करें। ऐसा करने से आप पॅट के कारण होने वाली एलर्जी से भी बचते हैं।
- अपने पॅट को अपना शरीर चाटने न दें और खुद भी उसे न चूमें।
- पॅट के खाने का सामान अपने खाने के सामान और स्थान से अलग रखें।
- अपने पॅट को नियमित रूप से नहलाएं और साफ रखें।
- ध्यान रखें कि एक स्वस्थ पॅट से रोग संक्रमण की आशंका बहुत कम होती है।
अपने पॅट को समय पर वैक्सीन दिलवाएं और वैट से समय-समय पर उसका परीक्षण करवाएं। खराब सेहत या खाब मूड में पॅट आपको खुशी या आराम दे सकता है इसलिए कुछ बचावों का ध्यान रखें ताकि आपका पॅट और आपका परिवार एक-दूसरे के साथ आनंद ले सकें।
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