एडीएचडी (ADHD) बच्चों की चंचलता बरकरार रखें


ध्यान कम और उछलकूद ज्त्रयादा करने वाले बच्चे को रोकने या उसे सही करने का आपका मन करता है तो यह उसके सीखने की योग्यता के लिए ज़रूरी हो सकता है। एक ताज़ा अध्ययन के अनुसार, अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटि डिसॉर्डर (ADHD) वाले बच्चे फुट टैपिंग या लेग स्विंगिंग जैसी दोहरायी जाने वाली गतिविधियों के ज़रिये याददाश्त बढ़ाते या जानकारी जुटा सकते हैं। सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटि द्वार किये गये इस अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि ऐसे बच्चों को इस तरह की क्रियाओं के लिए मना करने से उनकी जानकारी याद रखने की योग्यता कम हो सकती है और वे संज्ञानात्मक काम में मुश्किल महसूस कर सकते हैं।

सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटि के चिल्ड्रन्स लर्निंग क्लिनिक के प्रमुख और अध्ययन के लेखक मार्क रैपर्ट का कहना है कि “विशिष्ट प्रकार के दखल से हाइपरएक्टिविटि में कमी आती है लेकिन एडीएचडी वाले ज़्यादातर बच्चों के साथ जो किया जाना चाहिए यह उसके उलट है। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें घर में बेलगाम दौड़भाग करने दी जाये बल्कि आप उनकी गतिविधियों को इस तरह मोड़ दे दें कि वे संज्ञानात्मक गतिविधियों में अपनी उर्जा का इस्तेमाल कर सकें।”

अध्ययन के लिए 8 से 12 वर्ष के 52 बच्चों को चुना गया। इनमें से 29 एडीएचडी (ADHD) ग्रस्त बच्चे थे जबकि बाकी 23 सामान्य थे। इन बच्चों की वर्किंग मेमोरी जांचने के लिए कुछ काम करने को दिये गये। इससका मकसद यह जांचना था कि मुश्किल संज्ञानात्मक कामों के लिए ये बच्चे किस तरह से सूचनाओं को हालिया तौर पर याद रखते हैं और उनका उपयोग कर पाते हैं।

रैपर्ट ने बताया कि “हमने पाया कि ज़्यादा दौड़भाग करने वाले ज़्यादातर बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया। सजगता बरकरारार रखने के लिए सक्रिय रहना ज़रूरी था।”

दूसरी ओर, जिन बच्चों में एडीएचडी नहीं था, वे भी टेस्ट के दौरान सक्रिय रहे लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। तो जिन बच्चों में एडीएचडी नहीं है, उन्हें बेचैन न होने देने के लिए प्रशिक्षित करना ही उपाय है।

पहले भी, अध्ययनों में संकेत मिले थे कि हाइपरएक्टिव बच्चों में सामान्य से अधिक चंचलता और गति होती है क्योंकि वे मस्तिष्क की सक्रिय क्षमता जैसे वर्किंग मेमोरी का इस्तेमाल करते हैं। इस नये शोध में नतीजा एक कदम और आगे मिला है कि सूचना संग्रहण और प्रयोग में मदद के लिए इस तरह की गतिविधियां मददगार हैं।

यह पता चलने के बाद अभिभावकों और शिक्षकों को एडीएचडी (ADHD) बच्चों के साथ बर्ताव करने में आसानी होगी। उनकी गतिविधियों को रोकने के कारण उनका सीखना प्रभावित हो सकता है और वे बेहतर सीख सकते हैं जब सीखने के दौरान गतिविधियों में संलग्न रखा जाये।

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