क्या ज़रूरी है बच्चे का दिन में सोना?


Photo: Shuterstock

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अपने बच्चे को दोपहर में सुलाने के लिए आपको जो संघर्ष करना पड़ता है, वह आपके आराम में भी बाधक होता है। और अगर बच्चा न सोये तो फिर वह दिन भर चिड़चिड़ा, थका हुआ और परेशान रहता है और उसकी नींद का शेड्यूल भी बिगड़ जाता है। लेकिन जात़ा अध्ययन में पता चला है कि दो साल से बड़े बच्चों के लिए दोपहर में नींद ज़रूरी नहीं है और वह बिना सोये भी सक्रिय रह सकता है। स्लेट मैगज़ीन के एक लेख में ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटि में पदस्थ विकासमूलक मनोविज्ञानी कैरेन थोर्प के हवाले से लिखा गया है ‘‘जैसे भोजन भूख लने पर ही उपयोगी है, वैसे ही नींद भी ज़रूरी होने पर ही।’’ थोर्प और उनके सहयोगी बच्चों की नींद से जुड़े 26 अध्ययनों के विश्लेषण के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं।

उनका कहना है, चूंकि हर बच्चा अलग होता है इसलिए उसकी ज़रूरत के हिसाब से ही उसकी नींद का समय तय किया जाना चाहिए। अगर आपका बच्चा दिन में सोने से कतराता है तो ज़बरदस्ती न करें और उसे अपना दिन बिताने दें, यह उपयोगी होगा। बच्चे को सोने के लिए मजबूर करना अभिभावकों और बच्चे दोनों के लिए थकाने वाला काम है और इससे बच्चे में व्यवहार संबंधी दोष पैदा हो सकते हैं।

थोर्प की टीम के अध्ययन के आधार पर यह कहा गया है कि एक बच्चे की नींद उसके मस्तिष्क की परिपक्वता पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, बहुत छोटे बच्चों को स्लीप ब्रेक् चाहिए होते हैं ताकि वह भावनाओं को समझ और नियं़ित कर सके। जब बच्चों के स्नायुतंत्र का विकास एक हद तक हो जाता है, तब उन्हें रात की भरपूर नींद काफी होती है क्योंकि इस नींद से मस्तिष्क का पुनर्गठन होता है।

कैनेडी क्रीगर इंस्टिट्यूट से संबंध जॉन हॉपकिंस में पदस्थ न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट मार्क मैहॉन एक दूसरे अध्ययन में बताते हैं कि उन्होंने 5 दिनों तक बच्चों के एक समूह को दिन में नहीं सोने दिया जो अक्सर सोते थे। इससे उनकी रात की नींद का समय बढ़ गया। और दोपहर बाद दिये गये टेस्ट में भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। जिन बच्चों को दिन में साने दिया गया, वे टेस्ट में उतना अच्छा नहीं कर सके। हालांकि सीमित शोधों से कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए लेकिन मैहॉन कहते हैं कि “जो बच्चे चले आ रहे ढंग से सोया करते हैं, वे विकास के दौरान ऐसे मुकाम पर पहुंच जाते हैं जहां उनका दिन में सोना उनकी रात की गहरी नींद पर असर डालता है और वे जितना सोते हैं उतना ज़्यादा प्रभावित होते हैं।”

तो, अगर आपका बच्चा दिन में नहीं सोना चाहता तो ठीक है। उसे दिन में सोने के लिए मजबूर करने से उसकी रात की नींद प्रभावित हो सकती है जो उसके लिए लाभदायक नहीं है।

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