शरीर में सीसा इकट्ठा होने पर जो गंभीर स्थिति बनती है, उसे सीसा विषाक्तता कहते हैं। यह धातु महीनों या सालों में शरीर में जमा होती है लेकिन इसकी कम मात्रा भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, खासकर 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए। गंभीर मामलों में सीसाजनित विषाक्तता जानलेवा भी हो सकती है।
2015 में, भारत में मैगी में कथित रूप से सीसा पाये जाने के बाद, ऐसी रिपोर्ट है कि देश भर से रक्त के नमूने इकट्ठे किये गये थे, जिनमें से 23 फीसदी में सीसा विषाक्तता पौज़िटिव पाई गई। इकोनॉमिक टाइम्स के लेख में भी यही बात सामने आई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर साल करीब 1,43,000 मौतें सीसे के संपर्क में आने के कारण हो रही हैं और इसका सबसे बड़ा खतरा विकासशील क्षेत्रों में है।
मुंबई के मेट्रोपोलिस हेल्थकेअर में डॉक्टर और पैथॉलॉजिस्ट संदीप वारघाड़े कहते हैं “सीसे की विषाक्तता जांचना मुश्किल है क्योंकि जो लोग स्वस्थ दिखते हैं उनमें भी सीसे का स्तर अधिक हो सकता है। इसके स्तर के बढ़ने के कारण मस्तिष्क और नाड़ी तंत्र को नुकसान पहुंचता है और कोमा की स्थिति बन सकती है। बहुत अधिक मात्रा में सीसा होने से पहले सामान्य रूप से इसके लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं।“
वारघाड़े बताते हैं कि छोटे बच्चों में सीसे की विषाक्तता के मामले ज़्यादा दिखते हैं क्योंकि वे दीवार पर लगे पेंट और खिलौनों से खेलते हुए उन्हें चाटते या चबाते हैं।
कारण
सीसा विषाक्तता सामान्यतया बच्चों में ज़्यादा दिखती है क्योंकि यह सीसायुक्त पेंट और सीसे से संदूषित डस्ट के संपर्क में आने के कारण हो सकती है। दूसरे कारणों में प्रदूषित हवा, जल और मिट्टी भी हैं। कभी-कभी आपके काम करने की जगह पर आप सीसे के संपर्क में आते हैं। अधिकतर ऐसा तब होता है जब आप ऑटो रिपेयर, मकानों के रिनोवेशन या बैटरी संबंधी कामों में संलग्न हों।
लक्षण
शरीर में जब तक सीसे का स्तर बहुत ज़्यादा न हो जाये तब तक सामान्य रूप से इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। बच्चों में इस स्थिति में दिखने वाले लक्षणों में विकास में देरी, सीखने में मुश्किलें, अनियमित भूख, वज़न घटना, थकान, चिड़चिड़ापन, पेट दर्द, कब्ज़, सुनने में समस्या और उल्टी आदि होते हैं।
वयस्कों में दिखने वाले लक्षणों में पेट दर्द, कब्ज़, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, धीमा मानसिक कार्य, दर्द और सुन्नता, याददाश्त में कमी, सिरदर्द, शुक्राणुओं में कमी या असामान्यता और महिलाओं में मिसकैरेज या समय पूर्व प्रसव आदि शामिल हैं।
अगर आप या आपका बच्चा बताये गये किसी भी लक्षण का शिकार हो तो महत्वपूर्ण है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपके डॉक्टर को सीसे की विषाक्तता की आशंका होगी तो वह इसकी जांच के लिए रक्त परीक्षण की सलाह देगा। सीसे के संपर्क के कुछ स्रोत:
पेंट: कई मकानों और भवनों में सीसा युक्त पेंट दीवारों पर लगे होते हैं। छोटे बच्चे खेल-खेल में इसे खा सकते हैं।
पानी के पाइप: सीसे के पाइप या सोल्डर किये जाने वाले पाइपों में सीसा हो सकता है जिनके माध्यम से आपके घर में आने वाला पानी प्रदूषित हो सकता है।
मिट्टी: हालांकि यह आम नहीं है लेकिन मिट्टी में भी सीसे के कण हो सकते हैं खासकर हाईवे पर। पुराने मकानों की दीवारों के पास की मिट्टी में भी सीसे के कण हो सकते हैं।
खिलौने: बच्चों के लिए अच्छी क्वालिटि के खिलौने खरीदें। खराब क्वालिटि के खिलौनों या दूसरे खराब उत्पादों में सीसे की मात्रा हो सकती है। कॉस्मेथ्टक: अच्छी क्वालिटि के कॉस्मेटिक्स खरीदना भी ज़रूरी है। एक उत्पाद के नमूनों की जांच में सीसे का अधिक स्तर पाया गया।
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