वसायुक्त मछली के उतकों से मछली का तेल निकाला जाता है। इसमें ईपीए और डीएचए नामक ओमेगा 3 वसीय अम्ल यानी फैटी एसिड होते हैं जो मानव डाइट के लिए लाभकारी हैं क्योंकि मनुष्य के शरीर में इसका उत्पादन नहीं होता।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के लाभ स्वास्थ्य पत्रिकाओं और वेबसाइटों पर बेशुमार हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि दिल के रोगों के लिए ये फैटी एसिड बेहद लाभकारी होते हैं। इनसे जलन को कम किया जा सकता है और पाचन को ठीक भी। शायद आपको मालूम न हो कि शहरी जीवन जीने वालों के लिए इसके और भी फायदे हैं जैसे कि हड्डियों का घनत्व और मस्तिष्कीय शक्ति संबंधी।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन यानी एएचए की सिफारिश है कि सभी को हफ्ते में कम से कम दो बार ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछली का सेवन करना चाहिए। जो मछली नहीं खाते हैं, उनके लिए मछली के तेल के सप्लीमेंट उपलब्ध हैं।
मछली के तेल के स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं:
दिल के रोगों से बचावः
एएचए का कहना है कि ओमेगा 3 से कार्डियोवैस्कुलर रोगों को कम करने में सहायता मिलती है। चूंकि मछली के तेल में ओमेगा 3 भारी मात्रा में होता है इसलिए दिल के रोगों से बचाव में लाभदायक है। मछली के तेल का नियमित सेवन करने से अचानक दिल के दौरे से होने वाली मौत को टाला जा सकता है।
प्रतिरोध की बेहतरीः
मछली के तेल के नियमित सेवन से आपकी प्रतिरोधी क्षमताएं बढ़ती हैं, जिसके कारण आप सर्दी, खांसी और बुखार जैसी सामान्य बीमारियों से जल्दी ग्रस्त नहीं होते।
ऑस्टिओरथराइटिस के लक्षणों में कमीः
यूनिवर्सिटि ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन के अनुसार, ओमेगा 3 युक्त मछली के तेल के कारण ऑस्टिओरथराइटिस के लक्षणों में भारी कमी आ सकती है। प्राकृतिक रूप से ऑस्टिओरथराइटिस विकसित करने वाले गिनी पिग्स पर ओमगा 3 युक्त डाइट का परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि रोग में 50 फीसदी तक कमी आई।
वज़न कम करने में सहायकः
वज़न कम करने में मछली का तेल बहुत सहायक है। यूनिवर्सिटि ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के पीटर हॉव और उनके सहयोगियों ने पाया कि मछली के तेल के सप्लीमेंट और व्यायाम के तालमेल से वज़न कम करने में बेहतर सहायता मिलती है।
हड्डियों की सेहतः
कीमोथैरेपी करवाने वाले अधिकांश कैंसर रोगियों को मांसपेशियों का नुकसान होता है जिसके लिए मछली का तेल नियमित रूप से लाभकारी हो सकता है। मीनोपॉज़ल महिलाओं में हड्डियों के घनत्व और कैल्शियम संतुलन को लेकर पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड लंबे समय तक लेने के परिणामों का विश्लेशण करने वाले अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने फैटी एसिड के हायर लेवल का सेवन किया उनकी हड्डियां स्वस्थ थीं। यह महत्वपूर्ण है कि आप ओमेगा 3 से लेकर ओमेगा 6 फैटी एसिड का सही संतुलन रखें। ओमेगा 6 का बहुत ज़्यादा और ओमेगा 3 का कम सेवन करने से आपको हड्डियों संबंधी तकलीफें भी हो सकती हैं।
तो, मछली के तेल के सप्लीमेंट से कई फायदे होते हैं। अगर आप दिल के रोगों या हाई ट्रिगलीसेराइड स्तर की समस्या है तो आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड की ज़रूरत हो सकती है। अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। ज़रूरी है कि आप मछली के तेल का सेवन निर्धारित मात्रा में या डॉक्टर द्वारा बताई इर्ग मात्रा में ही करें। इस बात की सिफारिश नहीं की जाती है कि आप इसकी ज़्यादा मात्रा या बताये गये समय से ज़्यादा समय तक सेवन करें।
अगर आपको लगता है कि आप ज़रूरत से ज़्यादा ऐसी दवाएं खा चुके हैं या आपको किसी किस्म की एलर्जी के लक्षण दिख रहे हैं तो मछली के तेल के सप्लीमेंट लेना बंद करें और तत्काल मेडिकल सहायता लें। किसी भी असामान्य किस्म के या तकलीफ देने वाले लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर का परामर्श लें। एक्सर्प्ट – वसायुक्त मछली के उतकों से मछली का तेल निकाला जाता है। इसमें ईपीए और डीएचए नामक ओमेगा 3 वसीय अम्ल यानी फैटी एसिड होते हैं।
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