जैविक आहार पसंद करने के 5 कारण


Wikimedia Commons/Rajarshi Mitra

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हमारे भोजन में रसायनिक खेती व कीटनाशक दवाओं के दुष्प्रभाव के बारे में टीवी पर 2012 में प्रसारित आमीर खान का सत्यमेव जयते प्रकरण (एपिसोड) नियमित रूप से देखने वाले दर्शकों को याद होगा । हाल ही की इस प्रकार की रिपोर्टस दर्शाती हैं कि हमारी अधिकांश आम उपभोज्य वस्तुओं में कीटनाशक दवाओं के प्रयोग का स्तर आसाधरण रूप से बहुत अधिक हो रहा है । यद्यपि इस प्रकार का समाचार ध्यान आकर्षित करता है परंतु धीरे धीरे यह सब शांत होने लगता है और लोग इसे भूल कर अपनी दैनिक दिंनचर्या की ओर लौटने लगते हैं और स्थानीय सब्जी विक्रेता और किराने की दुकान से सामान लेने लगते हैं । जबकि कुछ उपभोगता इस प्रकार की मिडीया रिपोर्टस को प्रमाणीकरण मानते हुए मह्सूस करते हैं कि जैविक आहार के बारे में गम्भीरता से विचार करने की जरूरत पर है ।

जैविक आहार क्या है ?

जिन भोज्य पदार्थों में जैविक आहार का लेबल लगा होता है उन्हें रसायनिक खाद व कीटनाशक दवाएं या योगिक रसायन मिलाए बिना पैदा करके विकसित किया जाता है । हो सकता है कि किसान खाद या वानस्पतिक खाद जैसे जैविक पूरक इस्तेमाल करते हों ।

जबकि जैविक खान-पान और सब्जियों के अधिकांश ब्रेंड गैर-जैविक वस्तुओं से कहीं अधिक मंह्गे होते हैं परंतु यहां पांच ऐसे कारण दिए गए जिसकी वजह से लोग इन्हें पसंद करते हैं ।

  1. कोई कीटनाशक दवाएं या रसायन नहीं : भोज्य पदार्थों में खतरनाक कीटनाशक दवाओं का न होना निश्चित रूप से बहुत से जैविक आहार उपभोगताओं के लिए फायदेमंद तो है ही साथ-साथ बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी सम्स्याओं से बचने का तरीका भी है । आदर्शतः बाजार में बिकने वाले आहार में खतरनाक अबशेष नहीं होने चाहिएं परंतु जब नियमों व उन्हें लागू करने मे ढीलापन हो तो यह एक मुद्दा बन जाता है ।
  2. पोषक तत्व : जैविक आहार के बहुत से उपभोगता यह मानते हैं कि जैविक तौर से पैदा किए गए फल और सब्जियां अधिक पोषक होती हैं इसलिए परिवार के लिए अति उत्तम होती हैं । यद्यपि वैज्ञानिक अध्य्यन से इसका स्पष्ट प्रमाण तो नहीं मिला है परंतु उपभोगता सचेत रहने में भलाई समझते हैं । बढते बच्चों के माता-पिता स्वभाविक तौर पर अपने बच्चों के आहार में पोषक मूल्यों को लेकर विशेषरूप से चिंतित होते हैं ।
  3. स्त्रोत की जानकारी होना : कुछ उपभोगता जैविक आहार इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वे यह जानना चाह्ते हैं कि उनका आहार कहां से आता है । जहां तक फल और सब्जियों का प्रश्न है तो जैविक बाजार में स्थानीय किसान से आहार खरीदना निश्चित ही सही निर्णय रहेगा । अनाज और मसालों के लिए बहुत से प्रमाणित ब्रांड पैकेजिंग पर उनके स्त्रोत का उल्लेख करते हैं ।
  4. पर्यावरणीय चिंताएं : रसायनिक पूरकों पर निर्भर किए बिना जैविक रूप से माइक्रोओरगेनिजम (microorganisms) के साथ जोती गई जमीन अधिक उपजाऊ और स्वस्थ होती है । इसके अतिरिक्त क्योंकि बहुत से जैविक फलों और सब्जियों को मोम जैसे रक्षक उपायों से संसाधित नहीं किया जाता अत: वे शीघ्र ही खराब होने लगते हैं और उन्हें बहुत दूर भी नहीं ले जाया जा सकता जिससे कि उनमें कार्बन निशान घटने लगते हैं । इससे उनकी मौसमी खपत अधिक होती है जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय किस्मों का संरक्षण भी होने लगता है ।
  5. मानवोचित देखभाल : जैविक दूध और अण्डों के बहुत से पूर्तीकर्त्ता मानवोचित देखभाल और इनसे जुडे पशुओं और पक्षियों के बेहतर स्तर का वादा भी करते हैं । गैर-जैविक मांस उत्पाद उन पशुओं से प्राप्त किया जाता है जिन्हें कभी-कभी जबरदस्ती बडा किया जाता है या अन्य पशु उत्पादों पर जीवित रखा जाता है और उन्हें एंटीबॉयटिक व हार्मोनस दिए जाते हैं । इस प्रकार के मांस उत्पादों से बचाने के लिए जैविक आहार लोगों को सही रास्ता दिखाता है ।

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