जैसा कि कई लोग मानते रहे हैं कि अल्कोहल के सेवन से सेहतमंद भोजन की आदत खराब होती है, इसे एक शोध ने साबित भी कर दिया है। एक अध्ययन के अनुसार, अगर आपके आसपास भोजन की खुश्बू हो और आपने अल्कोहल का सेवन किया हो, तो मस्तिष्क खाने के लिए प्रेरित करता है और आप खुद को रोक नहीं पाते।
अमेरिकन ओबेसिटि सोसायटी द्वारा प्रकाशित अध्ययन को इंडियाना यूनिवर्सिटि स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा विश्लेषित किया गया बौर उन्होंने इसमें शामिल 35 महिला प्रतिभागियों के डेटा पर गौर किया। इनमें से कोई भी महिला मोटापे की शिकार नहीं थी। इन्हें दो समूहों में बांटा गया। सभी महिलाओं को नाश्ता और लंच दिया गया। नाश्ते के करीब आठ घंटे बाद लंच दिया गया।
लंच दिये जाने से एक-दो घंटे पहले महिलाओं के ब्रेन स्कैन किये गये। ये स्कैन यह देखने के लिए किये गये कि वे भोजन और गैर भोजन महक के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। इस स्कैन के दौरान, महिलाओं के एक समूह में अल्कोहल द्रव इंजेक्ट किया गया। दूसरे समूह को एक सलाइन द्रव। इसके बाद महिलाओं को पकवानों की महक के संपर्क में रखा गया। नतीजों की तुलना के लिए, वहां गैर भोजन खुश्बुएं भी हवा में थीं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं को अल्कोहल आईवी दिया गया था उनके हाइपोथैलेमस में अधिक स्तर पर गतिविधि दिखी जबकि सलाइन दिये जाने वाली महिलाओं में नहीं।
सलाइन दी गई महिलाओं की तुला में अल्कोहल इंजेक्ट की गई महिलाओं में से ज़्यादातर ने लंच के दौरान, ज़्यादा भोजन किया। आश्चर्यजनक रूप से, अल्कोहल आईवी दिये जाने वाली महिलाओं में से एक तिहाई ने कम भोजन किया। यह भी पाया गया कि अल्कोहल लेने वाली महिलाओं के रक्त में ग्रेलिन हॉर्मोन के स्तर में कमी आती है। यह हॉर्मोन भूख संबंधी संकेत मस्तिष्क तक पहुंचाने में मददगार है। जिन महिलाओं में इस हॉर्मोन का स्तर कम था उनमें ज़्यादा भूख देखी गई।
शोधकर्ता इन नतीजों के स्पष्ट कारण नहीं जान सके। हालांकि अध्ययन यूएस में एक सीमित समूह पर किया गया लेकिन भारत में इसका महत्व है। हाल में, भारत में महिलाओं द्वारा अल्कोहल सेवन में वृद्धि देखी गई है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति अल्कोहल सेवन में 20 सालों में 1992-2012 के दौरान 55 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि युवाओं और महिलाओं के बीच बेतरतीब अल्कोहल सेवन में भी वृद्धि हुई है।
और, इंडियन सेंटर फॉर अल्कोहल स्टडीज़ के मुताबिक, अनुमान है कि अगले पांच सालों में भारतीय महिलाओं द्वारा शराब के सेवन में 25 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
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