विटामिन बी6 – क्या है और क्यों ज़रूरी है


विटामिन बी6 - क्या है और क्यों ज़रूरी हैबी कॉम्प्लेक्स विटामिन के रूप में बी विटामिन का परिवार भोजन को ऊर्जा में बदलने और वसा व प्रोटीन को पचाने में शरीर की मदद करता है। विटामिन बी6 मस्तिष्क के विकास और प्रतिरोधी तंत्र को बरकरार रखने में सहायक है। इसके साथ ही, इस विटामिन की ज़रूरत गर्भावस्था और शैशवकाल में होती है। यह आपके असंतुलन के साथ ही मूड स्विंग में संतुलन बनाने में मदद करता है।
उम्र के हिसाब से विटामिन बी6 की ज़रूरतः
उम्र के हिसाब से विटामिन बी6 की अलग-अलग मात्रा की ज़रूरत होती है। शिशुओं के लिए 0.1 मिलीग्राम और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 2.0 मिलीग्राम। कृपया सचेत रहें क्योंकि प्रतिदिन 2000 एमजी की मात्रा का सेवन करने पर न्यूरोलॉजिकल डैमेज हो सकता है।
विटामिन बी6 वाले भोजनः
ऑर्गन मीट, मछली और पोल्ट्री में विटामिन बी6 मिलता है। शाकाहारी लोग स्टार्च युक्त सब्ज़ियों जैसे आलू से इसे प्राप्त कर सकते हैं। साइट्रस फलों के अलावा कई फलों में अच्छी मात्रा में यह होता है। इसके साथ ही, आप कई किस्म के भोजन में यह होता है, इसकी जानकारी के लिए आप फूड लेबल जांच सकते हैं।
विटामिन बी6 डेफिशिएन्सी:
इस विटामिन की कमी सामान्य रूप से नहीं होती लेकिन किडनी की समस्याओं जैसे किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस पर चल रहे व्यक्तियों में यह संभव है। उन व्यक्तियों में भी विटामिन बी6 डेफिशिएन्सी हो सकती है जिन्हें ऑटोइम्यून डिसॉर्डर हों जैसे आर्थराइटिस या अल्सरनुमा कॉलाइटिस। इसके अलावा, अन्य विटामिनों की डेफिशिएन्सी से ग्रस्त लोगों में विटामिन बी6 की कमी देखी जा सकती है।
विटामिन बी6 डेफिशिएन्सी के लक्षणः
अगर किसी व्यक्ति को विटामिन बी6 डेफिशिएन्सी है तो उसे रैशेज़, होंठों की कटी-फटी त्वचा, एनिमिया, मुंह के पास कैक्स, कन्फ्यूज़न और कमज़ोर प्रतिरोधी तंत्र की शिकायतें हो सकती हैं। दूसरी ओर, इस विटामिन का ज़्यादा सेवन नर्व डैमेज, त्वचा पर कष्टकारी चकत्ते, धूप से परेशानी, मितली और हार्टबर्न आदि शिकायतें पैदा कर सकता है।
सेहत पर विटामिन बी6 का प्रभावः
वैज्ञानिकों के अनुसार न्यूरोलॉजिकल स्थितियों जैसे सीज़र, गंभीर दर्द, तनाव और पार्किन्सन रोग में विटामिन बी6 के सकारात्मक प्रभाव दिखते हैं।
जापान में हुए एक बड़े अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सिद्ध किया कि विटामिन बी6 और विटामिन बी12 का पर्याप्त सेवन करने से आप स्ट्रोक, दिल के रोगों और दिल के दौरे के कारण होने वाली मौत का जोखिम कम हो सकता है। विटामिन बी6 मैक्यूलर डिजनरेशन जो अंधेपन का कारण है और स्ट्रोक को जोखिम कम करने में मददगार है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, एपिलेप्सी, अस्थमा और टीबी के लिए लिये जाने वाले कुछ खास किस्म के इलाजों के कारण आपके शरीर में विटामिन बी6 के स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है। विटामिन बी6 सप्लीमेंट या इलाज के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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