बिल्ली के बच्चों की देखभाल में समय, श्रम और जानकारियां ज़रूरी हैं। बिल्ली के नवजात बच्चों को चार हफ्तों तक केवल अपनी मां का दूध चाहिए होता है लेकिन बिल्ली के लावारिस नवजातों को विशेष देखभाल और पोषण की ज़रूरत होती है। अगर बिल्ली का कोई नवजात दुग्धपान नहीं कर पा रहा हो, या वह अपनी मां से बिछड़ गया हो – या उसकी मां पर्याप्त दूध की आपूर्ति नहीं कर पा रही हो तो अपने पशु चिकित्सक से उस नवजात को दूध के विकल्प देने के बारे में जानें। बिल्ली के बच्चों के पोषण संबंधी कुछ बेसिक फक्ट्स बताये जा रहे हैं।
जल्दी वज़न बढ़े: बिल्ली के नवजात का वज़न कुछ ही हफ्तों में दुगना या तीन गुना बढ़ सकता है लेकिन उसके बाद विकास जारी रहेगा लेकिन कम गति से। इसका कारण है कि नवजातों को ज़्यादा पोषण देना ज़रूरी होता है ताकि उनका विकास ठीक से हो। बिल्ली के नवजातों को वयस्क बिल्ली की अपेक्षा दोगुना या तीन गुना पोषण देने की ज़रूरत है और उनकी ऊर्जा का मुख्य स्रोत प्रोटीन ही होते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि बिल्लियों के लिए विशेष रूप से बने खाद्य पदार्थ ही दें जब तक वे वयस्क या करीब एक साल के न हो जाएं।
ठोस भोजन: बिल्ली के बच्चों को ठोस भोजन देने की शुरुआत पांच से छह हफ्तों के बाद करें। हालांकि इस समय भी वे ज़्यादातर अपनी मां के दूध पर ही निर्भर करते हैं लेकिन कुछ मात्रा में अच्छी क्वालिटि का ड्राय किटन फूड दिया जा सकता है। यह शुरुआत के मकसद से ही दिया जाये ताकि वे उस भोजन को खाना सीख सकें।
परित्यक्त बिल्लियों के लिए: एक बिल्ली के लावारिस बच्चे को अगर आप दूध के विकल्प दे चुके हैं तो तीन हफ्ते की उम्र के बाद उसे किटन फूड देना शुरू करें। ड्राय फूड को कुछ नम करें और दूध के विकल्प के साथ उस बच्चे को दें। हर हफ्ते दूध के विकल्प की मात्रा कम करते हुए ड्राय फूड की मात्रा बढ़ाते जाएं।
पानी: हर समय बिल्लियों के लिए ताज़ा व साफ पानी उपलब्ध रखें। समय-समय पर पानी बदलें और पानी के बर्तन को साफ करें।
भोजन रखते समय: बिल्लियों के लिए आप हमेशा भोजन उपलब्ध रख सकते हैं। लेकिन गीला या नम भोजन रखते समय सतर्क रहें। यह भी ध्यान रखें कि कुत्ते बिल्लियों का भोजन पसंद करते हैं इसलिए आपके घर में दूसरा पॅट भी हो तो इसका खयाल रखें।
फूड प्ले: बिल्ली के बच्चे स्वभाव से ही जिज्ञासु और उछलकूद करने वाले होते हैं। हो सकता है शुरुआत में वे भोजन को लेकर बिदकें या उससे खेलते रहें। कुछ समय दें और वे समझेंगे कि उन्हें यह चीज़ खाने के लिए दी जा रही है। जब बात ट्रीट की हो तो ध्यान रखें कि यह बिल्ली के बच्चे की रोज़ाना की पोषक डाइट के 5 प्रतिशत से ज़्यादा न हो।
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