गर्भ के दौरान व्यायाम है फायदेमंद


The many benefits of exercise during pregnancy

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गर्भधारण के समय आपका शरीर कुछ सामान्य समस्याओं के लक्षण दर्शा सकता है – हॉर्मोन, थकान, मितली, पानी की कमी और पीठ दर्द आदि। इस तरह के लक्षणों के चलते हो सकता है कि आप तय कर लें कि नौ महीने तक आप सिर्फ आराम से बैठे रहेंगे और इंतज़ार करेंगे। लेकिन, विशेषज्ञों की राय है कि अगर आपके गर्भधारण में कोई विशेष तकलीफ नहीं है तो व्यायाम से आपके गर्भ के समय और शिशु के जन्म में बहुत मदद मिल सकती है।

लाभ

अपने शरीर को गतिशील रखने से आप पीठ दर्द जैसी समस्याओं में आराम पा सकती हैं। व्यायाम से एंडॉर्फिन जारी होते हैं – ये रसायन सकारात्मक भावनाओं को प्रवाहित करते हैं – तो आपका मूड बेहतर रह सकता है। इससे अतिरिक्त कैलरीज़ भी जलती हैं और आपका वज़न ठीक रहता है, मांसपेशियां बनती हैं और स्टैमिना बेहतर होता है – यह आपके शिशु के लिए भी लाभदायक है। अगर आप शरीर को थकाएंगी तो बेहतर नींद भी पाएंगी। गर्भ के दौरान व्यायाम के अन्य फायदों में गैस संबंधी डायबिटीज़ का जोखिम कम होना और गर्भ संबंधी हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम घटना भी शामिल हैं। व्यायाम का संबंध गंभीर डिप्रेशन कम होने से भी है।

शुरुआत ऐसे करें

व्यायाम की शुरुआत करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। जिसे आपके शरीर की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी है, उस विशेषज्ञ की राय महत्वपूर्ण है ताकि सुनिश्चित हो कि व्यायाम से आपको कोई नुकसान नहीं होगा। उदाहरण के लिए, जिन्हें दिल या फेफड़ों के रोग हों, हाई ब्लड प्रेशर और सर्वाइकल समस्याएं हों उन्हें व्यायाम न करने की सलाह दी जाती है।

व्यायाम की गति व तीव्रता

व्यायाम का जटिलता और आवृत्ति इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी मेडिकल हिस्ट्री क्या है, आपका गर्भधारण किस प्रकार का है और आप कितना व्यायाम करने के लिए सक्षम हैं। गर्भ से पहले जो लोग व्यायाम नियमित रूप से करते रहे हैं या सक्रिय जीवनशैली अपनाते रहे हैं, वे गर्भ के दौरान भी ज़्यादा व्यायाम कर पाते हैं बजाय उनके जो आलसी रहे हैं। तो शुरुआत धीमी करें। सुझाव दिया जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सामान्य तौर से दिन भर में 30 मिनट सामान्य व्यायाम करना चाहिए। शुरुआत के लिए टहलना बेहतर है। तैराकी, थिर साइकिल चलाना और हल्का एरोबिक्स भी अच्छे विकल्प हैं जिनसे आपके जोड़ों पर दबाव ज़्यादा नहीं होता। ज़्यादा अनुभवी व्यायामशील लोगों के लिए, कठिन व्यायाम ठीक हैं लेकिन सीमित और सावधानी के साथ करें।

यह याद रखें

अगर आप व्यायाम के आदी नहीं रही हैं तो शुरुआत 5 मिनट के व्यायाम से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। वॉर्म अप करना और फिर थोड़ा आराम करना ज़रूरी है। पानी साथ रखें और समय-समय पर पिएं। अगर आप थकान, सांस की कमी या तेज़ सांसें, छाती में दर्द और मूत्र संबंधी तकलीफ महसूस करें तो तुरंत रोक दें। सिर में दर्द, रक्तस्राव या योनि से द्रव स्राव होने पर भी व्यायाम बंद करें। अगर ये लक्षण लगातार दिखते हैं तो मेडिकल सलाह लें।

इसे बरकरार रखें

यह हमेशा आसान होता है कि आप वर्कआउट छोड़कर आराम करने का विकल्प चुन लें इसलिए खुद को प्रेरित रखने के लिए उन कामों को व्यायाम के साथ जोड़ लें जो आपको पसंद हैं। संगीत सुनना, किसी पार्क में घूमना या फिर अपने किसी दोस्त की कंपनी कुछ तरीके हैं जो आपको इस आदत को बनाये रखने में मदद कर सकते हैं।

याद रखें कि गर्भधारण के समय आपके शरीर पर अलग प्रभाव होते हैं इसलिए अपने आपको ज़्यादा कठोर व्यायाम से बचाएं। अगर आपको लगे कि आप अपने पहले की गति की अपेक्षा कुछ कम कर पा रही हैं तो उसे बढ़ाने का प्रयास न करें क्योंकि हो सकता है यह आपकी स्थिति के कारण हो। अपने शरीर को महसूस करें और उसे ज़रूरत के मुताबिक आराम दें। जैसे-जैसे गर्भ का समय बढ़ेगा, कठिन व्यायाम करने की आपकी क्षमता घटती जाएगी, यह सामान्य है।

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