कैनाइन पार्वोवायरस, जिसे अक्सर ‘पार्वो’ कहा जाता है, कुत्तों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह एक बेहद संक्रामक विषाणु से होती है। प्रतिरोधी क्षमता विकसित न करने वाले पपीज़ और टीके न लगवाये हुए कुत्तों को इसका खतरा ज़्यादा होता है। अच्छी खबर यह है कि इस बीमारी से बचने के लिए कुत्तों को टीका लगवाया जा सकता है।
यह विषाणु सीधे एक कुत्ते से दूसरे को फैल सकता है या फिर लोगों, संदूषित वातावरण और मलमूत्र के संपर्क से भी। यह संदूषित सतहों जैसे भोजन व पानी के बर्तनों, विश्राम की जगहों, कपड़ों आदि से भी फैल सकता है। यह विषाणु चूंकि ठंडे, गर्म, सूखे और आर्द्र स्थितियों में अस्तित्व में रहता है इसलिए बेहद संक्रामक है।
लक्षण
पार्वोवायरस कुत्तों के गैसट्रोइंटेस्टाइनल हिस्से पर हमला करता है। कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- सुस्ती या आलस
- भूख न लगना
- बुखार
- उल्टी
- खूनी पेचिश
इलाज
उल्टी और दस्त होने पर कुत्तों को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है और यह रोग घातक हो सकता है। लक्षण दिखने के 48 से 72 घंटों के भीतर ही कुत्ते मौत के शिकार हो सकते हैं इसलिए उन्हें तुरंत सही इलाज देना ज़रूरी है। इस विषाणु को खत्म करने के लिए कोई सुनिश्चित इलाज नहीं है और कुत्तों को डिहाइड्रेशन से उबारने के लिए ही इलाज किया जाता है। इसके अलावा संक्रमित कुत्ते को उल्टी और दस्त से लड़ने की क्षमता देने के लिए भी इलाज होता है ताकि वह दूसरे संक्रमणों से बच सके। रोगग्रस्त कुत्तों को अलग रखना चाहिए ताकि उनसे संक्रमण न फैले।
बचाव
पार्वोवायरस से बचाव का सबसे अच्छा उपाय टीकाकरण है। अपने पपी को जल्द से जल्द इस बीमारी के खिलाफ टीका लगवाएं। अपने पशु चिकित्सक की सलाह लें और परामर्श के अनुसार समय-समय पर उसे ज़रूरी बचाव मुहैया कराएं। अपने पपी को इस बीमारी से बचाने के लिए उसे ऐसे स्थान पर न ले जाएं जहां अवांछित कुत्ते या अन्य जानवर विचरण करते हैं जो टीकाकृत नहीं होते हैं।
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