लंबा जीने का रहस्य: दोस्त बनाएं


Here's a secret to living longer: have friends

Photo: ImagesBazaar

आधुनिक शहरी जीवन में, सैकड़ों, लोग एक-दूसरे के पास रहते हैं लेकिन विडंबना यह है कि ये लोग एक-दूसरे से सामाजिक व्यवहार कम ही करते हैं। टीवी, कंप्यूटरों और मोबाइल फोनों को ज़्यादा तवज्जो देने के चलते रूबरू सामाजिक मेलजोल नज़रअंदाज़ हो जाता है। लेकिन, एक शोध का निष्कर्ष है कि सामाजिक अंतर्संबंध का असर जीवन पर पड़ता है। जो लोग ज़्यादा सामाजिक होते हैं, वे लंबा जीते हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक लेख में उस शोध का विश्लेषण किया गया है जो अकेलेपन या सामाजिक एकाकीपन और जल्द मृत्यु के बीच संबंध को केंद्र में रखता है और जिसे ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटि के जूलियैन हॉल्ट और साथियों ने लिखा था।

शोधकर्ताओं ने 34 लाख वयस्कों से उपलब्ध डेटा पर आधारित 70 अध्ययनों का विश्लेषण किया। उनका निष्कर्ष यह रहा कि व्यक्ति का सामाजिक अंतर्संबंध एक पैमाना हो सकता है जिससे समझा जा सकता है कि वह कितना लंबा जीवन जिएगा। उन्होंने एकाकीपन के तीन भिन्न प्रकारों पर ध्यान देने का सुझाव दिया: अकेले रहना, अकेले में ज़्यादा समय गुज़ारना और अक्सर खुद को अकेला महसूस करना। जो लोग इन तीनों में से किसी भी एक स्थिति से दो-चार होते हैं, उनके अगले सात सालों में मृत्यु होने की आशंका 30 फीसदी ज़्यादा जताई गई जबकि इन तीनों स्थितियों में होने के बावजूद ज़्यादा सामाजिक व्यवहार रखने वालों के संबंध में ऐसा नहीं समझा गया।

इस शोध में आगे बताया गया कि सामाजिक एकाकीपन के शिकार लोगों की सेहत पर असर पड़ता है। यह निष्कर्ष अकेलेपन की भूमिका के बारे में पिछले अध्ययनों के विरुद्ध थी। अकेलापन महसूस होने पर ब्लड प्रेशर में इज़ाफा होता है जिससे प्रतिरोधी तंत्र कमज़ोर होता जाता है।

हॉल्ट-लंस्टैड का कहना है ‘‘मैंने अपने पूरे करियर में सामाजिक सहयोग पर अध्ययन किया है, और मैं दावे से कह सकता हूं कि हमारे मनोविज्ञान पर इसका बहुत असर होता है। लेकिन, सेहत से जुड़ी कुछ और बातें हैं जो हमारे प्रत्यक्षीकरण से मुक्त हैं।’’

नया विचार यह है कि लोगों के साथ मिलजुलकर रहने और उनसे व्यवहार करने पर सेहत के लिए फायदेमंद कुछ हॉर्मोन बनते हैं। दो हॉर्मोन, ऑक्सीटॉसिन और वैसॉप्रेसिन तब बनते हैं जब हम किसी के करीब होते हैं या गले मिलते हैं।

इन हॉर्मोनों के कारण तनाव घटता है और दुख में सुरक्षा की भावना महसूस होने में मदद मिलती है। इनसे हमें ज़्यादा आराम की अनुभूति होती है।

अपने आसपास कुछ लोगों के हाने का जीवन और मृत्यु से सीधा संबंध भी है।

आपात स्थिति में अगर कुछ लोग आपके पास या साथ हैं तो आपकी देखभाल ठीक से हो सकती है।

अपने आसपास कुछ लोगों को रखने के लिए एक आसान रास्ता यह है कि आप अपनी रुचि के अनुसार जैसे बोर्ड गेम, हाइकिंग, संगीत या पाककला आदि से जुड़े लोगों से संबंध बनाएं। अगर आपको लगता है कि लोगों से मेलजोल का संदेश आपको उद्वेलित नहीं करता तो समझिए कि यह बेहद ज़रूरी है।

यह शोध पर्सपेक्टिव ऑन साइकोलॉजिकल साइंस में मार्च 2015 में प्रकाशित हुआ।

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