क्रैडल कैप, नवजात के सिर की त्वचा पर दिखने वाले पीले से भूरे रंग तक के चकत्तों या निशानों को कहा जाता है। शिशुओं में यह एक आम तौर से दिखने वाली स्थिति है। हालांकि यह हानिकारक नहीं है और कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन अगर आप देखें कि इसके कारण आपके शिशु को कोई तकलीफ है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह एक गंभीर रोग एग्ज़िमा का कारण हो सकता है।
क्रैडल कैप केवल सिर की त्वचा तक ही सीमित नहीं है। शिशुओं में यह उनकी गर्दन, कान, चेहरे, और उन स्थानों पर दिख सकती है जहां त्वचा सिकुड़ती है जैसे बांह के नीचे यानी कांख में। यह संक्रामक नहीं है और किसी एलर्जी के कारण भी नहीं होती। क्रैडल कैप का संबंध खराब सेहत या शिशु की देखभाल से नहीं है। माना जाता है कि यह स्थिति सेबेशियस ग्रंथियों के अतिसक्रिय होने के कारण बनती है जो एक तैलीय द्रव सीबम का उत्पादन करती हैं। फिर भी, इस स्थिति का निश्चित कारण अब तक पता नहीं चला है।
इलाज कैसे करें
क्रैडल कैप परतदार होती है और त्वचा पर हो सकता है यह ढीली दिखे। इन परतों को खरोंचें नहीं, ऐसा करने से शिशु की त्वचा पर बेचैनी या संक्रमण हो सकता है। ये परतें गिरने पर आप ध्यान दें कि आपके शिशु के बाल सही आ रहे हैं। इस परत के साथ बाल आएं तो चिंता न करें इससे कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा। बिना किसी विशेष इलाज के अपने आप ही एक साल के समय में क्रैडल कैप ठीक हो जाता है। इस स्थिति को सीमित रखने के लिए अपने शिशु के सिर को बेबी शैम्पू से धाया और रात में बेबी ऑइल से मसाज किया जा सकता है।
अगर प्रभावित हिस्सों में यह फैलता दिखे या इस स्थिति के कारण जलन आदि हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और उपयुक्त इलाज करवाएं। संक्रमण या जल के कारण क्रैडल कैप के गंभीर होने पर आपके डॉक्टर एंटिबायोटिक्स या किसी विशेष एंटिफंगल क्रीम का सुझाव दे सकते हैं। अपने डॉक्टर की सलाह से आप कुछ विशिष्ट शैम्पू भी इस्तेामल कर सकते हैं जो इस स्थिति के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
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