दिल के रोगों के बारे में आपको ये जानना चाहिए


दिल के रोगों के बारे में आपको ये जानना चाहिएदिल की सेहत पर असर डालने वाली अनेक मेडिकल स्थितियों के लिए सामान्य रूप से हार्ट डिसीज़ या दिल की बीमारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ऐसे

रोग या विकार भी शामिल हैं जो जन्मगत हो सकते हैं जैसे दिल की धड़कन की समस्याएं और दिल की मांसपेशियों या छिद्रों संबंधी समस्या। इस शब्द का इस्तेमाल कार्डियोवैस्कुलर रोगों के लिए भी होता है जिसमें ब्लड वेसेल्स संकुचित हो जाते हैं या अवरुद्ध। इसका नतीजा छाती में दर्द, स्ट्रोक या दिल का दौरा हो सकता है।

दिल की विभिन्न समस्याओं पर निर्भर करता है कि क्या लक्षण दिखेंगे। कभी-कभी एक समान दिल के रोग में पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग लक्षण दिख सकते हैं। उदाहरण के लिए, कार्डियोवैस्कुलर रोग से ग्रस्त एक पुरुष छाती में दर्द की शिकायत कर सकता है जबकि एक महिला सांस की तकलीफ, थकान और आलस की।

दिल की समस्याएं दर्शाने वाले कुछ सामान्य लक्षण यहां बताये जा रहे हैं:

  • छाती में दर्द (इसे एंजिना कहते हैं)
  • सांस की कमी
  • दर्द, असंवेदनता, कमज़ोरी या हाथ-पैर में ठंड लगना (अगर शरीर के उस हिस्से

    के ब्लड वेसेल्स संकुचित हुए हों)

  • गर्दन, जबड़े, गले, पेट के उपरी भाग या पीठ में दर्द
  • आलस
  • अनियमित धड़कन
  • पैरों या एड़ी में सूजन
  • बेहोशी

अगर आप छाती में दर्द, सांस की कमी या बेहोशी जैसी समस्याएं देखते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें।

हालांकि दिल के रोगों का इलाज संभव है, लेकिन पूरी तरह ठीक होने का सबसे असरदार तरीका है शुरुआत में ही सही कदम उठाना। अगर आपमें दिल के रोगों संबंधी कोई लक्षण हों, परिवार में पहले इस तरह के रोग किसी को रहे हों, या आप इन रोगों के खतरे को लेकर चिंतित हों तो अपने डॉक्टर के पास जाएं और उनसे चेकअप के लिए सलाह लें और सावधानियां बरतें।

अगर आप दिल के किसी रोग के शिकार हैं लेकिन अनभिज्ञ हैं तो कोई आपतकालीन स्थिति बन सकती है। ये दिल के रोगों के कारण होने वाली समस्याएं हैं जिनमें:

अचानक कार्डियाक अरेस्ट: जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह एकदम और बिना किसी संकेत के होता है, इसमें दिल काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की सांस बंद हो जाती है और वह बेहोश होने लगता है।

दिल का दौरा: दिल खुद मांसपेशी है और इसे काम करने के लिए खून की ज़रूरत होती है। जब दिल को खून देने वाली कोई ब्लड वेसेल अवरुद्ध हो जाये तो दिल के नष्ट होने का खतरा बनता है। तुरंत सही इलाज से दिल के दौरे के मरीज़ बच सकते हैं लेकिन मांसपेशी के नुकसान के कारण तुरंत या कुछ समय बाद हार्ट फेल हो सकता है।

एन्युरिज़म: धमनियां वे रक्तवाहिनी होती हैं जो ऑक्सीज़नयुक्त रक्त हो दिल से पूरे शरीर में प्रवाहित करती हैं। पंप किये जा रहे रक्त का दबाव उनमें रहता है। अगर एक धमनी में शरीर में कही भी कोई कमज़ोर स्पॉट होता है तो उस स्थान पर कोई थक्का या गांठ हो सकती है जिसे एन्युरिज़म कहते हैं। अगर यह फटता है तो इससे आंतरिक रक्तस्राव होता है जिससे मौत तक हो सकती है।

स्ट्रोक: अवरुद्ध धमनियों से स्ट्रोक भी हो सकता है, जिसका मतलब है मस्तिष्क को पर्याप्त खून न मिलना। खून न मिलने पर कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क के उतक मरने लगते हैं और यह इस पर भी निर्भर करता है कि मस्तिष्क का कितना भाग प्रभावित है, नतीजतन हल्के से लेकर गंभीर मस्तिष्कीय नुकसान हो सकता है।

हार्ट फेल: हालांकि यह हमेशा जानलेवा नहीं होता, लेकिन यह दिल के रोगों में होने वाली एक सामान्य स्थिति है। इसका मतलब है कि शरीर की ज़रूरत के हिसाब से दिल पर्याप्त खून पंप करना बंद कर देता है।

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