घर के काम करने से बच्चे ज़िम्मेदारी और योगदान की भावना सीखते हैं। इससे उन्हें सीखने को मिलता है कि घर कैसे चलता है, जिससे उन्हें समझदार और परिपक्व होने में मदद मिलती है। इसका एक फायदा यह भी है कि अभिभावकों को थोड़ा खाली समय मिल जाता है। अगर आपका बच्चा पहले से घर के काम में हाथ नहीं बंटाता तो यहां शुरुआत करवाने के लिए कुछ सुझाव हैं। छोटे बच्चे भी छोटे कामों में हाथ बंटा सकते हैं।
बच्चों से घर के कामों में सहयोग लेने के लिए सबसे पहले ठीक से संयोजन ज़रूरी है। एक सूची बनाएं और बच्चों की उम्र के अनुसार उन्हें साप्ताहिक और दैनिक काम की ज़िम्मेदारी दें, साथ ही समयसीमा भी। काम पूरा होने पर उन्हें सूची में उस काम को टिक करने को कहें। हर काम की अनिवार्यता के बारे में उन्हें समझाएं ताकि वे उसे टालें नहीं। हालांकि इसे लेकर परफेक्शनिस्ट न बनें। अगर आपको लगता है कि बच्चा मन से कोशिश कर रहा है तो उसकी सही ढंग से मदद करें, यह नहीं कि उसके किये काम को नज़रअंदाज़ कर वही काम दोबारा करें। शुरुआत में उसके साथ मिलकर काम कर आप उसे सिखा सकते हैं और सही तरीका बता सकते हैं।
कई विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि घर के कामों के बदले कोई रकम बच्चों को नहीं देना चाहिए। बच्चों को यह महसूस करवाना चाहिए कि घर के काम उनका योगदान है और उनका कर्तव्य भी। छोटे बच्चों के लिए यह ज़्यादा ज़रूरी है। बड़े बच्चों को आप फिर भी कुछ राशि दे सकते हैं ताकि उनका उत्साह बना रहे। अति न करें, आखिर हैं तो वे बच्चे ही। घर के कामों में सामान्य रूप से बच्चों को एक या दो घंटे प्रति सप्ताह से ज़्यादा न लगाएं। और, अगर संभव हो तो उन्हें अपना शेड्यूल खुद बनाने दें और फिर उसका पालन करने दें। बच्चों की उम्र के अनुसार यहां घर के कामों को लेकर एक सामान्य गाइड दी जा रही है:
2-3 साल: इस उम्र के बच्चों को खेलने के बाद अपने खिलौने जगह पर रखने को कहें और अपनी निगरानी में उनकी मदद करं। इस उम्र में हर बार ऐसा करने की अपेक्षा न करें, क्योंकि अगर इस समय वे खिन्न हो गये तो फिर कभी घर के काम में दिलचस्पी नहीं लेंगे। इस समय उनकी मदद लेने के दूसरे तरीके हैं। अपनी निगरानी में
1. डस्टिंग में मदद
2. खिलौने ठीक से रखने में
3. पॅट को भोजन देने में
ये काम उन्हें खुद करने दें
5. नॉन-ब्रेकेबल बर्तन मेज़ पर रखने में
6. धोने के कपड़े देने में
4-6 साल: स्कूल जोने की शुरुआत करने के साथ ही बच्चा इतना बड़ा हो जाता है कि वह अपना बिस्तर, पौधों को पानी देने, मेज़ साफ करने जैसे काम कर सकता है।
घर के कामों में मदद, अपनी निगरानी में
1. मेज़ सेट करने में
2. पॅट को भोजन देने में
3. जूते रैक में रखने में
4. पौधों को पानी देने में
5. बिस्तर लगाने में
6. गंदगी साफ करने में
7. मेज़ साफ करने में
8. पॅट को नहलाने में
9. ग्रॉसरी ठीक से रखने में
ये काम उन्हें खुद करने दें
11. अपने खिलौने/चीज़ें व्यवस्थित रखने में
12. धोने के कपड़े ठीक से रखने में
13. रैक में जूते ठीक से रखने में
14. घर को बिखरा हुआ न रखने में
7-9 साल: इस उम्र में बच्चे कुछ अनुमानों वाले और मल्टी-स्टेप वाले काम कर सकते हैं जैसे गाड़ी धोने और कुछ सामान्य चीज़ें बनाना आदि।
निगरानी में लें मदद
1. पौधों की देखरेख में
2. कमरे को साफ-सुथरा रखने में
3. उस्टिंग में
4. वैक्यूम क्लीनिंग में
5. कार वगैरह धोने में
6. लॉंड्री में मदद
7. बर्तन धोने या डिशवॉशर को व्यवस्थित करने में
8. पॅट के भोजन बनाने-खिलाने में -अगर वह पॅट के साथ व्यवहार में अनुकूल
महसूस करता है तो-
9. डिनर बनाने में मदद करने में
ये काम खुद करने दें
1. बिस्तर तैयार करना
2. मेज़ ठीक रखना
3. मेज़ साफ करना
4. बास्केट में धोने के कपड़े रखना
5. साफ कपड़े व्यवस्थित रखना
6. ग्रॉसरी ठीक से रखना
7. पॅट को नहलाना
10 साल या उससे ज़्यादा: बच्चा बड़ा हो गया है तो उसे अधिक कठिन काम दे सकते हैं जैसे कुछ बेसिक चीज़ें पकाना, कपड़े आयरन करना या बेडशीट बदलना आदि।
ये काम उन्हें खुद करने दें
1. किचन साफ करना
2. डस्टिंग
3. वैक्यूम क्लीनिंग
4. पॅट को भोजन देना
5. पौधों को पानी देना
6. कपड़े धोने के काम की शुरुआत
7. साफ कपड़े व्यवस्थित रखना
8. कचरा बाहर फेंकना
9. मेज़ सेट करना
10. मेज़ साफ रखना
11. डिनर बनाने में मदद/मामूली चीज़ें खुद पकाना
12. कार धोना
13. बर्तन साफ करना/डिशवॉशर को अरेंज करना
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