सुपरफूड है लहसुन, रोज़ थोड़ा खाएं


सुपरफूड है लहसुन, रोज़ थोड़ा खाएं

Photo: Timothy Budd

लहसुन को लंबे समय से प्राकृतिक उपचार माना जाता है। माना जाता है कि कई रोगों में यह मददगार है, उच्च रक्तचाप से लेकर उत्तेजन ठीक से न होने आदि में। लहसुन के एंटिबायोटिक गुणों की तरफ हाल में ही शोधकर्ताओं ने ध्यान दिया है। एक अध्ययन में पाया गया है कि इस प्राकृतिक उत्पाद से बना एक कंपाउंड आंत संबंधी कुछ संक्रमणों से प्रायः दिये जाने वाले दो तरह के एंटिबायोटिक्स की तुलना में 100 गुना अधिक असरदार है।

भोजन के कारण होने वाले कई रोगों का कारण एक बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेज्यूनी है। इस बैक्टीरिया का सूमह एक किस्म की सतह बना लेता है जो किसी और बैक्टीरिया की तुलना में एंटिबायोटिक्स के प्रति 1000 गुना अधिक प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर लेता है। यूएस की वॉशिंग्टन स्टेट यूनिवर्सिटि (डब्ल्यूएसयू) के शोधकर्ताओं ने पाया कि लहसुन डायलिल सल्फाइड का एक कंपाउंड इस बायो लेयर को तोड़कर बैक्टीरिया को ज़्यादा असरदार ढंग से और कम समय में खत्म कर देता है अपेक्षाकृत एरिथॉरमाइसिन और सिप्रोफ्लॉक्सेसिन नामक दो एंटिबायोटिक्स के, जो आंत संबंधी संक्रमणों में इलाज के लिए अक्सर सुझाई जाती हैं।

इस अध्ययन के लेखकों में से एक, ज़ियाओनैन लू द्वारा किये गये पूर्व शोध में पता चला था कि लहसुन का यह कंपाउंड दूसरे भोजन जनित बैक्टीरिया लिस्टेरिया मोनोसाइटोजीनस और ई. कॉली के खिलाफ भी असरदार है।

यह शोध लहसुन के इस खास कंपाउंड पर ही केंद्रित था इसलिए इसमें यह पता नहीं चला है कि लहसुन को पकाकर इस्तेमाल किया जाये या किस तरह से सेवन किया जाये। हालांकि दूसरे शोध में कहा गया है कि लहसुन को काट या मसलकर दस मिनट छोड़ दें और फिर पकाएं तो लहुसन का एक मुख्य सेहतमंद कंपाउंड (एलिसिन) सुरक्षत रहता है।

तो लहसुन का सेवन करें तो कच्चा खाएं ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लाभ मिले, पकाएं तो, इसे काटकर इसे थोड़ी देर रखा रहने दें।

अगर आपको कच्चे लहसुन का स्वाद पसंद है तो आप इसे सूप, सलाद या टोस्ट या अन्य भोजन में मिला सकते हैं। दूसरी ओर, अगर आप स्वाद पसंद नहीं करते, तो लहसुन के सार और सप्लीमेंट पाउडर व टैबलेट रूप में मिलते हैं।

डब्ल्यूएसयू अध्ययन जर्नल ऑफ एंटिमाइक्रोबायल कीमोथैरेपी में प्रकाशित हुआ है।

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