एक शोध के अनुसार अपनी मां से अतिरिक्त तीन मिनट जुड़े रहना शिशु के कुछ साल बाद होने वाले मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहतर हो सकता है। शिशु के जन्म के बाद अगर अंबिलिकल कॉर्ड (गर्भनाल; सामान्य रूप से यह बंधी होती है) को काटने में अगर कुछ मिनट की देर की जाये तो शिशु में आयरनयुक्त खून ज़्यादा स्थानांतरित होता है, जिसके कारण प्रीस्कूलर उम्र में बच्चे का हैंड-आई सामंजस्य बेहतर ढंग से विकसित हो सकता है।
यह समाचार डेली मेल के एक लेख के ज़रिये आया है।
इस नये अध्ययन में 4 साल की उम्र के 263 स्वीडिश बच्चों का विश्लेषण किया गया। सभी बच्चे स्वस्थ मांओं से और सही समय पर जन्मे थे। इन बच्चों को फॉलो-अप के लिए चुना गया क्रूोंकि ये उन 382 बच्चों में शामिल थे जो देर से कॉर्ड कटने के बड़े अध्ययन में शामिल थे। नवजातों और शिशुओं के रूप में इन्हें शुरुआती अध्ययन में बिना किसी आधार के दो बैच में बांटा गया। पहले समूह के बच्चों के अंबिलिकल कॉर्ड को 10 सेकंड के भीतर काटा गया था जबकि दूसरे समूह के बच्चों का कॉर्ड काटने में डॉक्टरों ने कम से कम तीन मिनट का समय लिया था।
चार साल बाद के फॉलो-अप में, बच्चों का आईक्यू, मोटर स्किल और व्यावहारिक परीक्षण किया गया। अभिभावकों से बच्चों द्वारा सवाल हल करने, अभिव्यक्त करने और सामाजिक स्किल्स से संबंधी एक प्रश्नावली भरने को कहा गया। शाध में पता चला कि कॉर्ड काटने के समय के कारण आईक्यू और दिमागी विकास पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन शारीरिक क्षमताओं में कुछ अंतर देखा गया, वह भी केवल लड़कों में। वे लड़के जिनकी कॉर्ड काटने में थोड़ी देर की गई थी, वे पेंसिल की पकड़ बेहतर रखते थे यानी ज़्यादा परिपक्व थे जो मोटर फंक्शन के बेहतर होने का सूचक है। बेहतर मोटर फंक्शन का अर्थ है मांसपेशियों, हड्डियों और नसों का आंखों के साथ सांजस्य जिससे छोटे-छोटे काम हों। इन लड़कों ने कुछ सामाजिक स्किल संबंधी परीक्षणों में भी बेहतर स्कोर किया। अध्ययन के प्रमुख लेखक और स्वीडन में उप्स्ला यूनिवर्सिटि के ओला एंडरसन ने रॉयटर्स हेल्थ को बताया कि ‘‘जब आप एक बच्चे से मिलते हैं तो किसी तरह का अंतर महसूस नहीं करते, लेकिन हम मोटर फंक्शन में अंतर को समझ सकते हैं।’’
ये अंतर, हालांकि लड़कियों में नहीं पाये गये। एंडरसन का कहना है कि कारण यह हो सकता है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों में आयरन की कमी होना एक बहुत सामान्य बात है।
उन्होंने कहा कि कॉर्ड काटने में तीन मिनट की देर करने से शिशु में अतिरिक्त 3.5 आउंस खून पहुंच जाता है, जो वयस्कों के लिए आधे गैलन (या करीब 2 ली.) खून के बराबर है। उन्होंने कहा ‘‘उस मात्रा में बहुत आयरन होता है। इन तीन मिनट के कारण शिशु के शरीर में खून के आयरन पर जन्म के लंबे समय बाद तक काफी असर रहता है।”
कॉर्ड काटने में देर करने के कुछ लाभों के बारे में हालांकि इस शोध ने प्रकाश डाला है लेकिन मेडिकल समुदाय इस बात से पहले से वाकिफ था कि इसे काटने में देर होने से नवजात के शरीर में ज़्यादा आयरन पहुंच जाता है। इंडियन पेडियाट्रिक्स के एक ऑनलाइन आलेख में कहा गया है कि, ‘‘डिलिवरी के समय अंबिलिकल कॉर्ड काटने का समय एनिमिया बढ़ने का एक कारण है(9)। नवजात में स्थानांतरित खून की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि कॉर्ड जल्दी एक मिनट के अंदर, कुछ देर से एक से तीन मिनट के बीच, या देर से (9) काटा गया। उदाहरण के लिए, अगर कॉर्ड देर से नहीं काटा गया है तो, नवजात में 20-30 मिली/किग्रा बॉडी वेट अंतरित होता है, जो 30-35 मिग्रा अतिरिक्त आयरन के बराबर है। अगर इस आयरन को किसी और संदर्भ में देखा जाये तो, आयरन की यह मात्रा मानवीय दूध के 100 लीटर दूध में आयरन की मात्रा के बराबर है।’’
भारत के नवजात एक्शन प्लान में कॉर्ड काटने में देर करने का प्रावधान है, यह सितंबर 2014 में सरकार और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा प्रकाशित एक सुस्पष्ट विज़न और प्रशिक्षण दस्तावेज़ में उल्लिखित है।
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