वाकई मददगार 10 पेरेंटिंग स्किल्स


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बच्चों की परवरिश का कोई फुलप्रूफ तरीका तो है नहीं। हालांकि ढेर सारे लोग, आलेख और किताबें नेक मकसद से आपको सही दिशा में जाने के सुझाव देते हैं लेकिन इन सलाहों के अत्यधिकता के कारण आपका काम कम ही आसान हो पाता है। अब एक मनोविज्ञान शोधकर्ता ने अभिभावकों से ही पूछकर दस सबसे कारगर पेरेंटिंग टिप्स इकट्ठी की हैं। यह शायद पेरेंटिंग पर आखिरी आलेख तो नहीं होगा लेकिन आप इसे बुकमार्क कर रखना और बार-बार पढ़ना चाहेंगे।

मनोविज्ञान शोधकर्ता और अमेरिका में लेखक रॉबर्ट एप्स्टीन ने अभिभावकों से पूछने का निर्णय लिया कि वे अपने बच्चों के लिए बेहतर परिणाम के लिए किन अनुमानों का दामन थामते हैं। अच्छे परिणामों से आशय यह है कि बच्चा सफलता, स्वास्थ्य और खुशी के साथ ही अभिभावक के साथ अच्छी रिलेशनशिप से है।

कई सालों में प्रकाशित हुए कई वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुसरण कर एप्स्टीन और उनके कलीग ने 10 बिंदुओं के लिए सूची तैयार की। फिर इन टिप्सनुमा बिंदुओं को रेट करने के लिए उन्होंने 11 पेरेंटिंग विशेषज्ञों से कहा।

उन्होंने 2000 अभिभावकों से इसके बारे में पूछा कि वास्तव में वे किन टिप्स पर अमल करते हैं और वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य, सुख और सफलता के साथ ही अभिभावकों के साथ रिश्ते को किस तरह से देखते हैं। इस पूरे डेटा के उपयोग के बाद, एप्स्टीन ने पेरेंटिंग स्किल्स को रेटिंग दी। यहां वेबसाइट के अुसार वह सूची है:

  1. स्नेह-अनुराग: वन ऑन वन समय बिताना, शारीरिक रूप से स्नेह जताना।
  2. तनाव प्रबंधन: अभिभावकों की उनके तनाव को मैनेज करने की क्षमता।
  3. रिलेशनशिप स्किल: अभिभावकों की अपने साथी के साथ बेहतर संबंध बनाने की क्षमता।
  4. स्वायत्तता: अपने बच्चे के साथ सम्मानजनक व्यवहार और स्व्तंत्रता को बढ़ावा देना।
  5. शिक्षा व सीखना: बच्चे को शिक्षा के बेहतर अवसर देना।
  6. लाइफ स्किल: एक स्थायी आय और स्थायी विास रखना।
  7. व्यवहार: अनुशासन के तरीके, सकारात्मक व नकारात्मक दोनों
  8. स्वास्थ्य: हेल्दी फूड और व्यायाम का संतुलन।
  9. धर्म: आध्यात्मिक व धार्मिक विकास में सहयोग देना।
  10. सुरक्षा: अपने बच्चे को खतरों और हानिकारक रिश्तों से बचाने की कोशिश करना।

बच्चे की बेहतरी के लिए, कोई आश्चर्य नहीं कि स्नेह और अनुराग सबसे अहम फैक्टर माना गया क्योंकि क्वालिटि समय बिताना बच्चों के सुख, स्थ्य और सफलता में अहम भूमिका रखता है।

तनाव प्रबंधन और रिलेशनशिप स्किल को रैंकिंग में आगे का क्रम प्राप्त हुआ जबकि ये पेरेंटिंग स्किल में नहीं मानी जातीं। फिर भी अभिभावक जिस तरह अपने तनाव को संतुलित करते हैं, बच्चों पर इसका असर पड़ता है। तनाव को ठीक ढंग से मैनेज करने से इसका बच्चों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। खराब स्थितियों में शांत रहने और तनावपूर्ण रिश्तों में भी सभ्यता से बातचीत करने से आपके बच्चे में भविष्य में अच्छी आदतों का विकास होता है। जबकि इन दोनों क्षमताओं का बच्चों पर काफी असर पड़ता है तब भी देखा गया कि अभिभावकों में यह स्किल कम पायी जाती है।

एप्स्टीन की सूची में छठे स्थान पर रखी गई लाइफ स्किल के बारे में वह समझाते हैं कि ‘‘यह व्यक्ति द्वारा बच्चों को एक नियमित आय और भविष्य की योजना के बारे में समझाती है।’’ ये सभी टिप्स आपस में जुड़ी हुई हैं और जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं उनके लिए चिंता का एक विषय और प्रबंधन के लिए एक तनाव कम है।

अगर आप इन सभी टिप्स का पालन कर रहे हैं तो आपको अब कुछ और करने की ज़रूरत नहीं है। पढ़ना बंद करें और अपने बच्चे को गले लगाकर उसके साथ क्वालिटि समय बिताएं।

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