जो अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे सब्ज़ियां खाएं तो वह एक नया उपाय अपना सकते हैं। न्यूयॉर्क के एक स्कूल में संयोजित एक अध्ययन में संकेत मिला है कि अगर बच्चे खुद सब्ज़ियां उगाएं तो उनके द्वारा सब्ज़ियों के सेवन की संभावना बढ़ जाती है। घर पर सब्ज़ियां उगाना परिवारों के लिए साथ में समय बिताने लिंक और बच्चों को ज़िम्मेदारी सिखाने का एक मज़ेदार तरीका हो सकता है।
पायलट अध्ययन में समीक्षा की गई कि बच्चे खाने के लिए कौन सी सब्ज़ियां चुनते हैं और कौन सी छोड़ते हैं जब उन्हें स्कूल में उगाई गई सलाद की हरी सब्ज़ियां स्कूल के लंच में दी गईं। पाया गया कि छात्रों ने वे सब्ज़ियां चुनीं जो उन्होंने खुद उगाई थीं। इस मामले में, अध्ययन में शामिल छात्रों ने औसतन, सलाद खाने में चार गुना ज़्यादा दिलचस्पी दिखाई। वास्तव में पता चला कि पहले 2 फीसदी छात्र सलाद चुन रहे थे जबकि ऐसे में 10 फीसदी। यह ज़रूर हुआ कि कई बच्चों ने सलाद नहीं चुना लेकिन थोड़ा ही सही फर्क तो पड़ा।
हाांकि ज़्यादा छात्रों ने अपनी प्लेट में सलाद का विकल्प चुना लेकिन बरबाद होने वाले भोजन की मात्रा भी बढ़ गई। औसतन छात्रों ने अपनी प्लेट में लिये भोजन का दो-तिहाई भोजन ग्रहण किया। तो कुल मिलाकर अगर सलाद प्लेट में चार गुना गया तो कुल छात्रों के भोजन में सलाद की मात्रा लगभग दोगुनी हो गई यानी 5 सर्विंग की तुलना में 12 सर्विंग प्रतिदिन।
चूंकि यह पायलट अध्ययन था, इसमें हाई स्कूल के 370 छात्रों का तीन अलग-अलग दिनों में अवलोकन किया गया, इसलिए प्रयोग के नमूने और अध्ययन की अवधि बहुत कम थी। बड़े पैमाने पर इस अध्ययन में मिलने वाले नतीजे महत्वपूर्ण हो सकते हैं। और अगर थोड़े छोटे बच्चों पर यह प्रयोग किया जायेो ज़्यादा असरदार साबित हो सकता है। प्राथमिक स्कूल के बच्चे एक पौधा उगाने, उसके फूलों और फलों के प्रति ज़्यादा उत्साहित हो सकते हैं बजाय हाई स्कूली बच्चों के।
स्कूलों को इस प्रयोग में शामिल होने के पहले पूरी तरह तैयार होना चाहिए। अभिभावक भी यह प्रयोग घर पर कर सकते हैं। बालकनी में एक छोटे से गमले में उगाई गई सब्ज़ी को लेकर बच्चे दिलचस्पी रख सकते हैं कि वे यही खाने वाले हैं।
ओहिओ स्टेट यूनिवर्सिटि के ड्रयू हैंक्स जो अध्ययन के सहलेखक हैं, ने निष्कर्ष रूप में कहा कि ‘‘इस शोध में उत्साहवर्धक परिणाम दिखे। सब्ज़ियों के सेवन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले बच्चों को सब्ज़ियों खाने की ओर मोड़ना है।’’
कॉर्नेल फूड एंड ब्रांड लैब के निदेशक और स्लिम बाय डिज़ाइन के लेखक ब्रायन वैनसिंक इसके प्रमुख लेखक थे। यह रिसर्च एक्टा पेडियाट्रिका में प्रकाशित हुई।
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