गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार, नियमित व्यायाम की अनिवार्यता


Balanced diet, regular exercise essential during pregnancy

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अधिकांश माताओं के लिए जन्म के पश्चात्‍ अपने बढ़े हुए वजन से छुटकारा पाना अत्यंत ही दुष्कर कार्य हो जाता है । नवजात शिशु की देखभाल काफी कठिन कार्य है । इसके अलावा, वजन कम करने की चिंता, लुभावनी भोज्‍य पदार्थों के प्रति मन मारना तथा नियमित व्यायाम करना अत्यंत ही चुनौतिपूर्ण कार्य हैं । तथापि गर्भधारण से पूर्व की अवस्था (अथवा किसी सीमा तक उसके समरूप ही) तो कदापि प्राप्त नहीं की जा सकती ।

शिशु के जन्म के पश्चात्‍ व्यायाम के लिए समय निकाल पाना भले ही काफी कठिन है परन्तु ऐसे फालतू वजन से बचने के लिए आप  अपनी गर्भावस्था के दौरान स्वयं को तंदुरूस्त रखकर कुछ गजब अवश्य कर सकती हैं ।  महिलाओं को अक्सर यह कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान वे दोहरा खाना खाएं जबकि सामान्यत: उन्हें गर्भावस्था की काल स्थिति के अनुसार पूरे दिन में लगभग 200 – 500 अतिरिक्त कैलोरिज की ही आवश्यकता होती है । गर्भावस्था के दौरान अधिक वजन ग्रहण करने से गर्भावस्था की शर्करा (गैस्टेशन डायबटीज), उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), बड़े आकार के शिशु के जन्म (लार्ज बेबी) तथा सीजेरियन पद्धति से जन्म की प्रक्रिया का जोखिम उत्पन्न हो सकता है ।  बड़े आकार के शिशुओं में प्रारम्भ से ही स्थूलता के लक्षण होते हैं । अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्यप्रद आहार लेकर एवं नियमित व्यायाम करके आप स्वयं ही अपने बच्चों के स्वास्थ्य की नींव रख सकती हैं ।

पूर्व अनुसंधानों पर की गई नई समीक्षा से यह ज्ञात हुआ है कि गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्यप्रद आहार के सेवन एवं नियमित व्यायाम करके बढ़ने वाले अतिरिक्त वजन पर लगाम लगा पाना संभव है । कोचरेन लायब्रेरी के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि गर्भवती माताओं के लिए यह दोनों माध्यम  बढ़ते वजन पर रोक लगाने में काफी सहायक हो सकते हैं । इस अनुसंधान से ऐसे प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं कि गर्भावस्था के दौरान यदि स्वास्थ्य की देखरेख अच्छी प्रकार से की जाए तो सीजेरियन पद्धति से जन्म देने की संभावना क्षीण हो जाती है तथा इससे नवजात शिशु का वजन अधिक होने की समस्या अथवा श्वास संबंधी समस्याएं भी  नहीं होती हैं ।

इस समीक्षा के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने अकास्मिक रूप से चुने हुए 65 नियंत्रित ट्रायलों के जांच आंकडों का इस्तेमाल किया है ।  इसके पश्चात्‍ उन्होंने 11,444 गर्भवती महिलाओं में से 49 महिलाओं के ट्रायल से संबंधित सूचना एकत्रित की । इन गर्भवती महिलाओं के लिए आहार, व्यायाम और इन दोनों को मिलाकर करने अथवा सामान्य देखरेख की व्यवस्था की । इसके परिणामों से यह ज्ञात हुआ है कि जिन महिलाओं ने उचित आहार, व्यायाम अथवा दोनों का प्रयोग किया  उनमें से 20% महिलाओं का वजन उन महिलाओं की तुलना में कम बढ़ा जिनको सामान्य देखरेख की सुविधा प्रदान की गई थी । अन्य महिलाओं की तुलना में संतुलित आहार एवं व्यायाम करने वाली महिलाओं में उच्च रक्तचाप की घटनाएं  भी कम घटित हुई ।

यूनिवर्सिटी ऑफ रोचस्टर मेडिकल सेन्टर, न्यूयार्क में गर्भावस्था की उच्चतर जोखिम वाली समस्याओं के विशेषज्ञ थोर्नबर्ग ने रियूटर हैल्थ को यह बताया कि “इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित तो होता ही है कि हल्का व्यायाम करने से कम से कम समय पूर्व जन्म का जोखिम तो  नहीं होता” ।

थोर्नबर्ग  ने यह भी बताया कि “गर्भावस्था के दौरान अधिकांश महिलाओं का वजन सामान्य रूप से बढ़ने वाले वजन से  कहीं अधिक हो जाता हैं ” तथा आगे उन्होंने यह भी कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का जो वजन बढ़ता है उसे जन्‍म के पश्चात्‍ कम किया जाना संभव नहीं हो पाता तथा दोबारा गर्भवती होने पर उन महिलाओं के लिए चिकित्सा जोखिम बढ़ जाते हैं । उन्होंने यह भी बताया कि “यदि वे अधिक वजन से छुटकारा नहीं पा सकती तो अगले गर्भ के दौरान वे मोटी से और अधिक मोटी हो सकती हैं ”।

थोर्नबर्ग ने महिलाओं को यह परामर्श भी दिया है कि सही ट्रैक पर आने के लिए गर्भावस्था के दौरान  डायटिंग तथा व्यायाम प्रारम्भ करने से पूर्व महिलाओं को अपने डाक्टर से परामर्श अवश्य प्राप्त करना चाहिए।

इस प्रकार यदि आप गर्भवती हैं अथवा गर्भ धारण की तैयारी कर रही हैं तो स्वास्थ्यप्रद आहार एवं सक्रिय जीवनशैली अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसी  से ही आप और आपका शिशु स्वस्थ रह सकता है । यदि आपका वजन अधिक है अथवा आप मोटी हैं तो यह और भी जरूरी है क्योंकि मोटापे से माता और नवजात शिशु के लिए कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं । तदनुसार, यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा है अथवा आपका वजन अधिक है तो भी गर्भावस्था के दौरान आपको स्वास्थ्यप्रद आहार का सेवन एवं नियमित व्यायाम करना चाहिए ।

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