लो फील कर रहे हैं? तो एक बेहतर उपाय है


Feeling low? Here's a better way to cheer up!

Photo: ImagesBazaar

कई फिल्मों में यह दृश्य दिखता है कि ब्रेकअप के बाद कोई किरदार आइसक्रीम खा रहा है। अगर वास्तविक जीवन में आप भी खराब मूड में कार्बयुक्त या शकरयुक्त पदार्थ खाने के आदी हैं तो जान लें कि वास्तव में जंक फूड छोड़कर आप ज़्यादा बेहतर महसूस करेंगे। हालांकि जंक फूड से कुछ समय के लिए राहत तो मिलती है लेकिन ज़्यादा शकर खाने से डिप्रेसिव डिसॉर्डर का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर, हेल्दी भोजन से आप बेहतर महसूस करने के साथ ही डिप्रेशन के खतरे से भी बचते हैं।

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन में देखा गया कि डिप्रेशन और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स भोजन के बीच क्या संबंध है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स खून में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ने को मापने का पैमाना है।

यूएसए स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटि में मनोचिकित्सा के सहायक प्रोफेसर जेम्स ई. गैंगविच का कहना है कि ‘‘मैं जब बच्चा था तब कैंडी का शौकीन था। मैंने देखा कि अगर मैं बहुत सी शकर खा लेता था तो अगले दिन मुझे भीतर से अच्छा महसूस नहीं होता था।’’

शोध में, गैंगविच और उनकी टीम ने वीमन्स हेल्थ इनिशेएटिव अध्ययन के तहत 70 हज़ार महिलाओं से मिली सूचनाओं की समीक्षा की, इन पोस्ट मीनोपॉज़ल महिलाओं से उनके भोजन सेवन के बारे में सवाल पूछे गये थे। इन महिलाओं से डिप्रेसिव डिसॉर्डर को मापने संबंधी सवालों पर भी जवाब मांगे गये। इस अध्ययन में शामिल जिन महिलाओं ने डिप्रेशन के लक्षण न होना दर्शाया उनके साथ बेसलाइन सर्वे के तीन साल बाद फिर एक फॉलो-अप सर्वे किया गया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्लाइसेमिक तत्वयुक्त जैसे रिफाइंड आटा या अतिरिक्त शकर, भोजन डाइट में शामिल होने से ‘‘डिप्रेशन का खतरा जुड़ा हुआ है। वास्तव में, अतिरिक्त शकर या एडेड शुगर का डिप्रेशन से काफी वास्ता है बजाय सामान्य रूप से भोजन में शामिल शकर या कार्बोहाइड्रेट के।’’

शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि मूड डिसॉर्डर को कुछ भोजन सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। फाइबर, साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियां और डेयरी उत्पादों में शामिल लैक्टोज़ आदि डिप्रेशन के खतरे से बचाने में भूमिका अदा करते हैं।

गैंगविच मानते हैं कि नज़रिया बदलना वाकई मुश्किल है। ‘‘आम लोगों को इस तरह के भोजन से दूर रखना वाकई मुश्किल है और ज़्यादा मुश्किल है उन लोगों को इससे दूर रखना जो डिप्रेशन के शिकार हों। आप नहीं चाहते कि आप लोगों को दोषीभाव महसूस कराएं।’’

फिर भी, वह हेल्दी भोजन पर फोकस करने की ज़रूरत बताते हैं। ‘‘मैं समझता हूं कि आपके मूड, आपकी एहसास और आपकी उर्जा के स्तर के लिए यह महत्वपूर्ण है। अगर लोग इस तरह की आदतों में बदलाव ला सकें तो उनके लिए यह लाभकारी होगा।’’

हालांकि इस अध्ययन में स्टार्च या शकरयुक्त भोजन और डिप्रेशन के बीच संबंध माना गया है लेकिन शोध टीम ने यह नहीं बताया कि यह कैसे कार्य करता है। अध्ययन करने वाली टीम ने संदेह व्यक्त किया है कि बहुत ज़्यादा शकर या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के सेवन से जलन और कार्डियोवैस्कुलर रोग होते हैं जिनका संबंध डिप्रेशन के जोखिम से है। पुरुषों और युवकों के मामले में शकरयुक्त भोजन का क्या असर होता है, इस बारे में भी और शोध ज़रूरी हैं।

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